नई दिल्ली: गोवा के एक प्रमुख नाइटक्लब में भीषण आग लगने के मामले में आरोपी सौरभ और गौरव लूथरा को दिल्ली की रोहिणी कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. अदालत ने दोनों भाइयों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है, जिससे उनकी गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया है. अदालत के इस फैसले ने लूथरा बंधुओं के लिए मुश्किलें और बढ़ा दी हैं.
गोवा पुलिस का सख्त विरोध
गोवा पुलिस ने लूथरा बंधुओं की अग्रिम जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया था. पुलिस का कहना था कि नाइटक्लब के संचालन में लूथरा बंधुओं का सीधा हाथ था और क्लब का लाइसेंस पहले ही समाप्त हो चुका था. पुलिस ने यह भी बताया कि आरोपियों ने जांच में कोई सहयोग नहीं किया और उन पर आरोप है कि उन्होंने देश छोड़ने से पहले अदालत और अधिकारियों को गुमराह किया. 7 दिसंबर को भारत छोड़ने के बाद से इनकी गिरफ्तारी का मामला अब और गहरा हो गया है.
लूथरा बंधुओं का बचाव
लूथरा बंधुओं की ओर से सीनियर एडवोकेट तनवीर अहमद ने अदालत में दलीलें पेश कीं. उनका कहना था कि घटना लापरवाही के कारण हुई थी, हत्या के इरादे से नहीं. उन्होंने कहा कि आरोपियों का परिवार खतरे में है और वे कोर्ट के समक्ष अपनी सुरक्षा के लिए पेश हुए हैं, फरार होने के लिए नहीं. लूथरा ब्रदर्स ने यह भी दावा किया कि वे जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं, लेकिन पुलिस ने बिना कोई नोटिस दिए सीधे गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया.
पुलिस के खिलाफ आरोप
पुलिस ने आरोप लगाया कि लूथरा बंधुओं ने अपनी मेडिकल रिपोर्ट्स में भी झूठ बोला, क्योंकि आरोपियों को डॉक्टर ने देखा ही नहीं था. पुलिस ने यह भी कहा कि जब लूथरा ने कहा था कि वे 6 दिसंबर को भारत छोड़ने वाले थे, तब वास्तव में वे 7 दिसंबर को देश से बाहर चले गए. यह दर्शाता है कि दोनों भाइयों ने जानबूझकर अदालत और अधिकारियों को गुमराह किया है.
लूथरा ब्रदर्स की गिरफ्तारी पर उठे सवाल
लूथरा बंधुओं की ओर से किए गए तर्कों के बावजूद अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. इस फैसले के बाद यह तय हो गया है कि लूथरा बंधुओं की गिरफ्तारी अब एक जरूरी कदम बन गई है. हालांकि, लूथरा ब्रदर्स के वकील ने तर्क किया कि गिरफ्तारी का फैसला गुस्से या बदले की भावना से नहीं लिया जाना चाहिए, बल्कि उचित प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए.
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