Ecigarettes Ban: शीतकालीन सत्र के बीच लोकसभा में आज उन घटनाओं में से एक हुई जिसने सदन की गरिमा और नियमानुसार व्यवहार पर सवाल खड़ा कर दिया. जब सांसदों के बीच आरोप-प्रत्यारोप और हंगामे की अपेक्षा नहीं की जाती, तभी अचानक ई-सिगरेट के मुद्दे ने सदन को हिला कर रख दिया.
हिमाचल प्रदेश से सांसद अनुराग ठाकुर ने सदन में दावा किया कि कुछ सांसद नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूरी देशभर में ई-सिगरेट बैन है, तो क्या संसद में इसे अलाउ कर दिया गया है? उन्होंने विशेष रूप से Trinamool Congress (TMC) के सदस्यों पर निशाना साधा — दावा किया कि वो कई दिनों से सदन में बैठकर ई-सिगरेट पी रहे हैं. अनुराग ठाकुर ने आग्रह किया कि इस मामले की तुरंत जांच होनी चाहिए. उनके अनुसार, “सदन में ई-सिगरेट पी जाएगी? अभी जांच करवाएं.”
स्पीकर ने जताई आशंका, पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई
जब इस आरोप की तरफ ध्यान गया, तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने संयम और नियमों की याद दिलाई. उन्होंने कहा कि संसद की परंपरा और नियमों का पालन होना चाहिए. यदि इस तरह की शिकायत आती है, तो उचित कार्रवाई की जाएगी. हालांकि उन्होंने फिलहाल किसी विशेष सदस्य का नाम लिए बिना ही कहा “हमें संसदीय व्यवस्था का सम्मान करना चाहिए.”
लोकसभा में ई-सिगरेट को लेकर हंगामा
— Bharat 24 - Vision Of New India (@Bharat24Liv) December 11, 2025
अनुराग ठाकुर ने ई-सिगरेट का मुद्दा उठाया
सदन में ई-सिगरेट पीने का आरोप लगाया
अनुराग ठाकुर का TMC सांसद पर आरोप
सदन में सिगरेट पीने की छूट नहीं- स्पीकर
मामले में उचित कार्रवाई होगी- स्पीकर
मामला संज्ञान में आया तो कार्रवाई होगी- स्पीकर
Watch :… pic.twitter.com/qRz5blXHqU
जाएं कार्रवाई? विपक्ष और सरकार में शुरू हुई बहस
अनुराग ठाकुर की शिकायत से सदन में माहौल गरम हो गया. विपक्षी दलों ने तुरंत प्रतिक्रिया दी. वहीं, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अनुराग ठाकुर का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि अनुराग ठाकुर गंभीरता से मुद्दों को उठाते हैं और यदि कोई अंदरूनी नियम तोड़ रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. उनका कहना था कि “अगर कोई सांसद सदन में बैठकर ई-सिगरेट पीता है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण और अनुशासनहीनता है.”
TMC ने किया पलटवार, ‘अनुराग ठाकुर हमसे बड़े नहीं’
वहीं TMC सांसद डोला सेन ने आरोपों को खारिज करते हुए तीखा पलटवार किया. उन्होंने कहा, “जो लोग खुद व्यवस्था के पहरे पर हैं, वे ही दूसरों की निगरानी करेंगे यह हास्यास्पद है. उन्होंने अनुराग ठाकुर को अनुशासन का गुरु बताकर उनकी बात को यह कहकर खारिज कर दिया कि वे कोई गुरु नहीं हैं कि उनकी बात मान ली जाए. डोला सेन ने कहा कि यदि किसी सदस्य ने अनुशासन का उल्लंघन किया है, तो संसदीय प्रक्रिया है जिसके तहत दोषी को दंड या चेतावनी दी जा सकती है.
ई-सिगरेट प्रतिबंध और संसद: कितनी जायज़ है आलोचना?
दरअसल, भारत में ई-सिगरेट पर पहले ही प्रतिबंध है. इसका अर्थ यह हुआ कि न सिर्फ सार्वजनिक स्थानों पर, बल्कि सार्वजनिक और संवैधानिक संस्थानों में भी इसका उपयोग वर्जित है. यदि सदन में सचमुच इस तरह का प्रयोग हो रहा है, तो यह सिर्फ नियमों का उल्लंघन ही नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक संस्था की गरिमा पर हमला माना जाएगा. लेकिन विपक्ष और सरकार दोनों ने इस मामले को राजनीतिक रंग दे दिया है. अभी तक कोई तफ़्तीश या वीडियो सबूत सार्वजनिक नहीं हुआ है, इसलिए सच्चाई सामने आना बाकी है.
यह भी पढ़ें: किसके पास होती है पासपोर्ट सस्पेंड करने की पावर, जिसके बाद गिरफ्तार हो सके लूथरा ब्रदर्स