300 करोड़ का घोटाला, 162 विदेश यात्रा, गाजियाबाद फर्जी दूतावास केस में चौंकाने वाला खुलासा

    गाजियाबाद में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां फर्जी दूतावास के जरिए 300 करोड़ रुपये का घोटाला करने का मामला उजागर हुआ है. इस मामले में मुख्य आरोपी हर्षवर्धन जैन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जो पिछले कई सालों से विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी कर रहा था.

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    गाजियाबाद में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां फर्जी दूतावास के जरिए 300 करोड़ रुपये का घोटाला करने का मामला उजागर हुआ है. इस मामले में मुख्य आरोपी हर्षवर्धन जैन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जो पिछले कई सालों से विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी कर रहा था. जांच में अब तक कई हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं. आइए इस मामले से जुड़ी पूरी कहानी जानते हैं.

    300 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा

    गाजियाबाद में एक दो मंजिला मकान में फर्जी दूतावास चलाने के आरोप में हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार किया गया. पुलिस के मुताबिक, जैन ने यह दावा किया था कि यह मकान एक 'दूतावास' है. उसने 10 सालों में 162 विदेश यात्राएं की हैं और कई विदेशी बैंकों में खाते भी खोल रखे थे. पुलिस ने जब इस मामले की जांच शुरू की, तो पता चला कि वह न केवल एक नौकरी रैकेट चला रहा था, बल्कि हवाला के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग में भी शामिल था.

    फर्जी दूतावास का नेटवर्क

    जैन ने गाजियाबाद के फुलत गांव में किराए पर एक आलीशान इमारत में इस फर्जी दूतावास का संचालन किया. इमारत के बाहर एक नामपट्टिका थी, जिस पर लिखा था "ग्रैंड डची ऑफ़ वेस्टआर्कटिका" और "महामहिम एच.वी. जैन मानद कौंसल". हालांकि, वेस्टआर्कटिका का कोई अस्तित्व नहीं है और इसे किसी भी देश द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है. जैन ने इस नाम का इस्तेमाल नेटवर्किंग और विदेशों में नौकरी दिलाने का लालच देने के लिए किया था.

    चंद्रास्वामी और अदनान खशोगी के साथ कनेक्शन

    पुलिस ने जब छापेमारी की तो उन्हें जैन की विवादास्पद धर्मगुरु चंद्रास्वामी और सऊदी हथियार डीलर अदनान खशोगी के साथ तस्वीरें मिलीं. चंद्रास्वामी 80 और 90 के दशक में बेहद प्रभावशाली थे, और उनकी भूमिका वित्तीय अनियमितताओं में संदिग्ध रही थी. चंद्रास्वामी ने ही जैन को अदनान खशोगी और ठग अहसान अली सईद से मिलवाया था.

    मनी लॉन्ड्रिंग और फर्जी कंपनियों का खेल

    पुलिस ने पाया कि जैन और सईद ने मिलकर 25 फर्जी कंपनियां बनाई थीं, जिनका इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया गया था. सईद पर आरोप है कि उसने जैन के साथ मिलकर 2.5 करोड़ पाउंड (करीब 300 करोड़ रुपये) की दलाली ली और स्विस बैंक से पैसे ट्रांसफर किए. सईद को 2022 में लंदन में गिरफ्तार किया गया था, और अब पुलिस इस पूरे मामले में जैन की संलिप्तता की जांच कर रही है.

    जैन की गिरफ्तारी और आगे की जांच

    पुलिस ने जैन को गिरफ्तार कर लिया और उसकी हिरासत की मांग करते हुए अदालत में पेश किया. जांच के दौरान यह भी पता चला कि जैन ने फर्जी दूतावास के जरिए लोगों से पैसे लेकर उन्हें विदेश में नौकरी दिलाने का वादा किया था. अब पुलिस इस घोटाले की गहरी जांच कर रही है, जो न केवल गाजियाबाद, बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है.

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