गाजा पट्टी पर इजराइली सैन्य कार्रवाई अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचती दिख रही है. इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ संकेत दे दिया है कि अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद गाजा पर नियंत्रण बनाए रखने की रणनीति जारी रहेगी. वहीं, हमास की ओर से आम नागरिकों को ढाल की तरह इस्तेमाल किए जाने के आरोपों ने इस संघर्ष को और जटिल बना दिया है. इस पूरे घटनाक्रम ने वैश्विक स्तर पर कूटनीतिक समीकरणों को झकझोर दिया है—खासतौर पर अमेरिका, यूरोप और मध्य पूर्व के बीच.
'ऑपरेशन गिडियंस चैरियट' के तहत व्यापक हमले
इजराइल की वर्तमान सैन्य कार्रवाई को "ऑपरेशन गिडियंस चैरियट" के तहत अंजाम दिया जा रहा है, जिसका मुख्य फोकस गाजा के दक्षिणी छोर, राफा, पर है. राफा, जो अब तक फिलिस्तीनियों के लिए अंतिम सुरक्षित ठिकाना माना जा रहा था, इस समय सबसे अधिक हमलों का शिकार बन चुका है. राफा, नुसीरत कैंप, खान यूनिस और बेत लाहिया जैसे क्षेत्रों में इजराइली हमले अत्यंत भीषण रहे हैं. मानवीय संगठनों और स्थानीय लोगों के अनुसार, इन हमलों में हर दिन 200 से अधिक नागरिकों की जान जा रही है.
अमेरिकी रवैया और ट्रंप की भूमिका
इस पूरे परिदृश्य में अमेरिका की भूमिका एक बार फिर चर्चा में है. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर यह आरोप लग रहा है कि इजराइल को गाजा में कार्रवाई के लिए उनका परोक्ष समर्थन प्राप्त है. हालांकि, ट्रंप ने औपचारिक रूप से खुद को इस ऑपरेशन से अलग रखने की कोशिश की है, लेकिन इजराइल के प्रति उनकी स्पष्ट सहानुभूति और नेतन्याहू सरकार को खुली छूट दिए जाने की बातों ने कई सवाल खड़े किए हैं. ट्रंप प्रशासन से जुड़े प्रतिनिधियों का इजराइल दौरा हाल ही में टाल दिया गया है—इसे अंतरराष्ट्रीय दबाव के मद्देनज़र एक रणनीतिक निर्णय माना जा रहा है.
यूरोपीय देशों की चेतावनी
इजराइली कार्रवाई पर यूरोप में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा ने एक साझा बयान में चेतावनी दी है कि यदि इजराइल मानवीय सहायता पर से प्रतिबंध नहीं हटाता और गाजा पर सैन्य हमले नहीं रोकता, तो वे ठोस कूटनीतिक कदम उठाने को विवश होंगे. यह बयान इजराइल और पश्चिमी देशों के बीच बढ़ते मतभेद को उजागर करता है.
मध्य पूर्व की प्रतिक्रिया और बढ़ते खतरे
गाजा में इजराइल की सैन्य कार्रवाई के असर अब क्षेत्रीय राजनीति में भी देखने को मिल रहे हैं. यमन में सक्रिय हूती विद्रोहियों ने इसे "यहूदी आक्रामकता" करार देते हुए हाइफा बंदरगाह के खिलाफ नौसैनिक नाकेबंदी की घोषणा कर दी है. हूतियों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि हाइफा की ओर जाने वाले जहाज अब उनके लिए वैध सैन्य लक्ष्य होंगे. उधर, ईरान ने भी सैन्य गतिविधियां तेज कर दी हैं. अजरबैजान की सीमा के पास शुरू हुआ सैन्य अभ्यास संकेत देता है कि ईरान भी इस क्षेत्रीय संघर्ष में अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकता है.
इजराइल की स्थिति स्पष्ट
नेतन्याहू सरकार के हालिया बयानों से स्पष्ट है कि इजराइल गाजा से हमास को पूरी तरह समाप्त करने के इरादे से आगे बढ़ रहा है. सहायता आपूर्ति की आंशिक बहाली की घोषणा के बावजूद, इजराइली वायु सेना और जमीनी बलों की गतिविधियां यह दर्शा रही हैं कि गाजा को सैन्य दृष्टिकोण से 'डिमिलिट्राइज' करना उनकी प्राथमिकता है.
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