'कश्मीर-गाजा का हल है जिहाद', पहलगाम हमले से पहले PoK में हमास की मीटिंग; फिर लश्कर कमांडर ने दिया था भड़काऊ बयान

    बायसरन घाटी में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर कश्मीर और अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क के बीच गहरे ताल्लुकात को उजागर कर दिया है.

    Gaza Kashmir Pahalgam attack Lashkar commander Musa
    सर्च ऑपरेशन | Photo: ANI

    बायसरन घाटी में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर कश्मीर और अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क के बीच गहरे ताल्लुकात को उजागर कर दिया है. इस हमले से पहले सामने आया एक वीडियो अब सुर्खियों में है, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर अबू मूसा कश्मीर की स्थिति की तुलना गाजा और फिलिस्तीन से करता नजर आ रहा है. वीडियो में वह कहता है – "गाजा और कश्मीर एक जैसे हैं, और दोनों का हल भी एक ही है – जिहाद. हमें आज़ादी चाहिए, भीख नहीं."

    इस वीडियो में अबू मूसा जिस मंच से बोल रहा है, वहां कुख्यात आतंकी बुरहान वानी की तस्वीर भी देखी गई. उसका बयान इस ओर इशारा करता है कि कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठन अब खुद को वैश्विक जिहादी एजेंडे से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं – खासतौर पर फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठनों जैसे हमास से.

    गाजा-कश्मीर लिंक: खुफिया एजेंसियों के खुलासे

    इससे पहले हमने आपको ये भी बताया था कि पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में हाल के महीनों में हमास और लश्कर-ए-तैयबा के बीच कई गुप्त बैठकें हुई हैं. बताया जा रहा है कि इन बैठकों में सैफुल्लाह खालिद उर्फ कसूरी, (जो पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है) भी शामिल रहा था. इस हमले में जो तरीके अपनाए गए, वे हमास की 'मॉडस ऑपरेंडी' से मेल खाते हैं:

    GoPro कैमरों का इस्तेमाल

    सूरत के शैलेश कलाथिया के 5 साल के बेटे नक्ष, जो इस हमले के चश्मदीद हैं, ने बताया कि आतंकियों ने सिर पर कैमरे लगा रखे थे. जांच में ये कैमरे GoPro निकले – ठीक वैसे ही जैसे हमास अपने हमलों में इस्तेमाल करता है. एक वायरल वीडियो में आतंकी टूरिस्ट्स को घुटनों के बल बिठाकर बेहद नजदीक से गोली मारते नजर आ रहे हैं. यह भी हमास के हमले के तरीकों की याद दिलाता है.

    PoK में हमास की मौजूदगी

    बताया गया है कि बीते 7-8 महीनों से PoK के आतंकी ट्रेनिंग कैंपों में हमास के कमांडर भी लश्कर के साथ मिलकर ट्रेनिंग दे रहे हैं. इसके अलावा, अबू मूसा के भाषण के दौरान मंच पर आतंकी बुरहान वानी की तस्वीर देखी गई. वानी वही है जिसे कभी सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ तस्वीरें डालने वाले 'पोस्टर बॉय' के रूप में देखा गया था. उसके बाद घाटी में युवाओं के बीच आतंक की लहर तेज हो गई थी.

    संदिग्ध गतिविधि और जांच का दायरा

    हमले से जुड़ी जांच में एक ऐसा शख्स भी सामने आया है, जिसने हमले से ठीक 15 दिन पहले ही बायसरन घाटी में दुकान शुरू की और फिर अचानक 22 अप्रैल को दुकान बंद कर दी. अभी तक उसके आतंकी लिंक की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन उसे संदिग्ध मानकर पूछताछ की जा रही है. सुरक्षा एजेंसियां उसके इंटरनेट और मोबाइल गतिविधियों की भी जांच कर रही हैं.

    जांच अब पूरे जम्मू-कश्मीर तक फैली

    NIA ने हमले की जांच को और व्यापक करते हुए अब साउथ कश्मीर के अलावा चिनाब वैली, पीर पंजाल, पुंछ और राजौरी जैसे संवेदनशील इलाकों में भी सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है. यह मामला यह साफ करता है कि अब कश्मीर घाटी में आतंकी संगठनों की सोच और रणनीति में बड़ा बदलाव आ रहा है – और वे खुद को एक बड़े अंतरराष्ट्रीय जिहादी नैरेटिव से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.

    ये भी पढ़ेंः किन हथियारों के दम पर हेकड़ी दिखा रहा पाकिस्तान, चीनी माल पर कितना भरोसा? भारत के सामने हो जाएंगे फुस्स!