ट्रंप की हालत खराब! रेयर अर्थ मैग्नेट से हवाई उड़ान तक... भारत-चीन संबंध के लिए आज ऐतिहासिक कदम

    India China Relations: पूर्वी लद्दाख में 2020 की गलवान घाटी झड़प के बाद भारत और चीन के संबंध जहां ठंडे पड़ गए थे, वहीं अब दोनों देशों के बीच संवाद की एक नई शुरुआत होती नजर आ रही है.

    From rare earth magnets to air flight historic step for India-China relations today
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    India China Relations: पूर्वी लद्दाख में 2020 की गलवान घाटी झड़प के बाद भारत और चीन के संबंध जहां ठंडे पड़ गए थे, वहीं अब दोनों देशों के बीच संवाद की एक नई शुरुआत होती नजर आ रही है. राजनीतिक जटिलताओं और भू-राजनीतिक तनावों के बावजूद, भारत और चीन ने एक बार फिर अपने रिश्तों को सामान्य बनाने की दिशा में गंभीर पहल की है.

    मंगलवार को भारत दौरे पर आए चीनी विदेश मंत्री वांग ई और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच हुई 24वीं विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता इस बदलाव की बड़ी मिसाल बनी. इस बैठक में न केवल सीमा विवाद के समाधान के लिए एक विशेषज्ञ समूह के गठन पर सहमति बनी, बल्कि व्यापार, निवेश और आवागमन को लेकर कई ठोस फैसले लिए गए.

    सीमा विवाद के समाधान की पहल

    वार्ता के दौरान तय किया गया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से जुड़ी जटिलताओं के समाधान के लिए डब्ल्यूएमसीसी (WMCC) के तहत एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया जाएगा. इसका उद्देश्य सीमांकन की प्रक्रिया में तकनीकी अड़चनों को दूर करना और भविष्य में टकराव की स्थितियों से बचना है.

    व्यापारिक सहयोग और उड़ानों की बहाली

    बातचीत के दौरान सीमा व्यापार को पुनः शुरू करने, निवेश को सुगम बनाने और भारत-चीन के प्रमुख शहरों के बीच सीधी उड़ानें जल्द शुरू करने पर भी सहमति बनी. यह फैसला खासतौर पर पर्यटन, व्यवसाय और आपसी जनसंपर्क को मजबूती देगा. तीर्थयात्रियों के लिए मानसरोवर यात्रा मार्ग को फिर से खोला गया है, वहीं वीजा नियमों में भी ढील देने पर सहमति बनी है, जिससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क को बढ़ावा मिलेगा.

    भारत की मांगों पर चीन की सहमति

    इस उच्च स्तरीय संवाद के दौरान चीन ने भारत की तीन महत्वपूर्ण आर्थिक मांगों को स्वीकार किया:

    उर्वरकों की आपूर्ति में आ रही रुकावटों को समाप्त करना

    रेअर अर्थ मैग्नेट्स (Rare Earth Magnets) की आपूर्ति बहाल करना

    टनल बोरिंग मशीनों के निर्यात की अनुमति देना

    ये तीनों भारत के कृषि, औद्योगिक, और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए अत्यंत आवश्यक हैं. खासतौर पर जब भारत में सड़कों, सुरंगों और मेट्रो जैसे मेगा प्रोजेक्ट्स पर काम जोरों पर है, ऐसे में इन मशीनों और खनिजों की आपूर्ति जीवनरेखा जैसी है.

    रेयर अर्थ मैग्नेट्स क्यों हैं महत्वपूर्ण?

    रेयर अर्थ एलिमेंट्स (REEs), जैसे नियोडिमियम, प्रासियोडिमियम, और लैंथनम आधुनिक टेक्नोलॉजी का आधार बन चुके हैं. इनका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs), एआई, जेनरेटिव एआई और रोबोटिक्स, रक्षा क्षेत्र में मिसाइल और सैटेलाइट निर्माण, क्लीन एनर्जी टेक्नोलॉजी जैसे विंड टर्बाइनों में इस्तेमाल होता है.  भारत की ऑटोमोबाइल और क्लीन एनर्जी इंडस्ट्री चीन के इन तत्वों की आपूर्ति पर काफी हद तक निर्भर है. आपूर्ति बाधित होने का सीधा असर भारत की टेक्नोलॉजिकल और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रगति पर पड़ सकता है.

    राजनयिक संवाद का सकारात्मक असर

    चीनी विदेश मंत्री वांग ई ने माना कि पिछले वर्षों में आई दूरियों से दोनों देशों को नुकसान हुआ है. उन्होंने पीएम मोदी की आगामी चीन यात्रा को "बेहद महत्वपूर्ण" बताया. प्रधानमंत्री मोदी एससीओ की बैठक में शामिल होने तियानजिन जाएंगे, जो दोनों देशों के लिए एक और अवसर होगा अपने रिश्तों को स्थायित्व देने का.

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