वॉशिंगटन: जैसे-जैसे अमेरिकी राजनीति में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी की संभावना मजबूत होती जा रही है, यूरोपीय देशों में सामरिक चिंताएं भी बढ़ने लगी हैं. प्रमुख यूरोपीय शक्तियाँ- जैसे फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, नॉर्वे, स्वीडन और पोलैंड इस समय न केवल रूस के साथ बढ़ते तनाव का सामना कर रही हैं, बल्कि अपने सबसे पुराने सहयोगी अमेरिका पर अत्यधिक रक्षा निर्भरता के कारण भी रणनीतिक असमंजस में हैं.
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अमेरिका यूरोप के साथ अपने रक्षा सहयोग में कटौती करता है या सुरक्षा प्रतिबद्धताओं को सीमित करता है, तो इससे यूरोपीय सुरक्षा ढांचे पर गहरा असर पड़ेगा. यह स्थिति NATO जैसे बहुपक्षीय संगठनों की भूमिका पर भी सवाल खड़ा कर सकती है.
1. F-35 स्टील्थ फाइटर जेट
F-35 न केवल अत्याधुनिक युद्धक विमान है, बल्कि इसके संचालन के लिए अमेरिकी लॉजिस्टिक सपोर्ट, सॉफ्टवेयर अपडेट और डेटा नेटवर्क पर सीधी निर्भरता है. इसे बेल्जियम, डेनमार्क, इटली, नीदरलैंड, नॉर्वे, पोलैंड और ब्रिटेन जैसे देश पहले ही अपना चुके हैं, जबकि जर्मनी, फिनलैंड, ग्रीस और स्विट्जरलैंड जैसे देश इसे अपनाने की तैयारी में हैं.
2. ड्रोन टेक्नोलॉजी (MQ-9 Reaper)
यूरोपीय देश अमेरिका से आयातित MQ-9 Reaper ड्रोन का उपयोग निगरानी और आक्रमण दोनों उद्देश्यों के लिए करते हैं. ये ड्रोन अमेरिकी उपग्रह नेटवर्क और डेटा संचार प्रणाली पर निर्भर होते हैं, जिससे संचालन में स्वतंत्रता सीमित हो जाती है.
3. ट्राइडेंट बैलिस्टिक मिसाइल
ब्रिटेन का परमाणु प्रतिरोध मुख्य रूप से अमेरिका में निर्मित ट्राइडेंट D5 मिसाइलों पर आधारित है, जिन्हें पनडुब्बियों से लॉन्च किया जाता है. इनकी देखरेख और रखरखाव भी अमेरिका में होता है, जो ब्रिटेन की परमाणु स्वायत्तता पर प्रश्नचिन्ह लगाता है.
4. पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम
पैट्रियट सिस्टम सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है, जिसका उपयोग पोलैंड, जर्मनी और स्वीडन जैसे देश कर रहे हैं. इसकी रडार प्रणाली और मिसाइल इंटरसेप्ट क्षमताएं अमेरिकी डेटा नेटवर्क और तकनीकी सहायता पर आधारित हैं.
5. संचार और उपग्रह नेटवर्क
अमेरिका के साथ समन्वित उच्च तकनीकी सैन्य संचार और उपग्रह प्रणालियाँ यूरोपीय सेनाओं की कमांड और कंट्रोल क्षमताओं की रीढ़ हैं. इनका संचालन और रखरखाव अमेरिकी तकनीकी सहायता के बिना संभव नहीं.
6. RC-135V/W रिवेट जॉइंट विमान
यह एक टोही विमान है, जिसका उपयोग ब्रिटेन अमेरिकी साझेदारी में करता है. इसमें इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल इंटेलिजेंस की क्षमताएं हैं जो रणनीतिक निर्णयों में मदद करती हैं.
7. E-7 वेजटेल (AWACS सिस्टम)
यह इलेक्ट्रॉनिक निगरानी विमान है, जो बड़े क्षेत्र में दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखने में सक्षम है. अमेरिका और ब्रिटेन दोनों इसका उपयोग करते हैं, लेकिन इसका डेटा प्रोसेसिंग और सॉफ्टवेयर सपोर्ट अमेरिकी सिस्टम से जुड़ा है.
क्या यूरोप आत्मनिर्भर हो सकता है?
हाल के वर्षों में यूरोपीय संघ ने सामूहिक रक्षा क्षमताओं को विकसित करने की कोशिश की है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका से पूरी तरह तकनीकी और सामरिक अलगाव निकट भविष्य में संभव नहीं है. यूरोपीय रक्षा उद्योग अब तक अमेरिका के प्रतिस्पर्धी मानकों तक नहीं पहुँच सका है, खासकर स्टील्थ टेक्नोलॉजी, उपग्रह संचार, और परमाणु मिसाइल प्रणाली जैसे क्षेत्रों में.
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