पहले राफेल और अब फाइटर जेट इंजन... फ्रांस बन रहा है भारत के लिए दूसरा रूस, AMCA को मिलेगी उड़ान!

    भारत दशकों से अपनी सैन्य ज़रूरतों के लिए रूस पर निर्भर रहा है, लेकिन अब इस समीकरण में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है.

    France is becoming another Russia for India
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ ANI

    पेरिस/नई दिल्ली: भारत दशकों से अपनी सैन्य ज़रूरतों के लिए रूस पर निर्भर रहा है, लेकिन अब इस समीकरण में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसी पहलों के साथ भारत ने रक्षा सौदों में विविधता लानी शुरू की है, और इस रणनीति का सबसे अहम साझेदार बनकर उभरा है फ्रांस.

    जहां एक ओर रूस के साथ भारत का रक्षा संबंध ऐतिहासिक रहा है, वहीं अब फ्रांस के साथ गहराते संबंध नई पीढ़ी के रक्षा तकनीकों और संयुक्त उत्पादन की दिशा में भारत को नई ताकत दे रहे हैं.

    भारत में बनेगा अगली पीढ़ी का जेट इंजन

    इस साल की शुरुआत में भारत ने फ्रांस से 26 राफेल M लड़ाकू विमानों की खरीद का समझौता किया था, जिसकी लागत करीब 7.5 अरब डॉलर थी. अब एक और बड़ी रणनीतिक साझेदारी की तैयारी है — भारत और फ्रांस के सेफ्रान ग्रुप के बीच एक संयुक्त जेट इंजन विकास परियोजना पर बात चल रही है.

    यह इंजन भारत के एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) — यानी देश के पहले स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट — के लिए तैयार किया जाएगा.

    क्यों अहम है यह डील?

    आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम:

    भारत अब तक लड़ाकू विमानों के इंजनों के लिए विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भर रहा है. उदाहरण के तौर पर, स्वदेशी तेजस फाइटर जेट जनरल इलेक्ट्रिक के F404 इंजन पर आधारित है, जिसकी आपूर्ति में देरी से तेजस कार्यक्रम दो साल पीछे चला गया है.

    समय पर डिलीवरी और लागत में बचत:

    जेट इंजन किसी भी फाइटर जेट की लागत का एक बड़ा हिस्सा होते हैं. यदि भारत खुद से इंजन बनाना शुरू करता है, तो न सिर्फ लागत में भारी कमी आएगी, बल्कि निर्भरता घटेगी और समयसीमा भी बेहतर तरीके से पूरी हो सकेगी.

    तकनीकी आत्मनिर्भरता और कौशल विकास:

    इस साझेदारी से भारत को सिर्फ इंजन नहीं मिलेगा, बल्कि तकनीकी ज्ञान (टेक्नोलॉजी ट्रांसफर) और डिज़ाइन व निर्माण की विशेषज्ञता भी हासिल होगी, जो रक्षा विनिर्माण में दीर्घकालिक आत्मनिर्भरता के लिए बेहद जरूरी है.

    61,000 करोड़ रुपये की डील पर बातचीत

    रिपोर्टों के अनुसार, इस प्रस्तावित डील की अनुमानित लागत 61,000 करोड़ रुपये (लगभग 7.2 अरब डॉलर) हो सकती है. रक्षा मंत्रालय और सेफ्रान के बीच यह साझेदारी भविष्य में भारत को 250 से अधिक फाइटर जेट इंजन देने की क्षमता रखती है.

    सेफ्रान के साथ यह समझौता 120kn थ्रस्ट वाले शक्तिशाली इंजन के सह-विकास पर आधारित होगा, जिसका इस्तेमाल न केवल AMCA, बल्कि अन्य भविष्य के प्लेटफॉर्म में भी हो सकेगा.

    क्यों चुना गया फ्रांस?

    इस डील के लिए भारत के पास ब्रिटेन की रोल्स-रॉयस और फ्रांस की सेफ्रान जैसी प्रमुख कंपनियों के प्रस्ताव थे. लेकिन विशेषज्ञों और रक्षा मंत्रालय के बीच व्यापक विचार-विमर्श के बाद सेफ्रान को वरीयता दी गई, जो भारत और फ्रांस के बीच बढ़ते विश्वास, तकनीकी पारदर्शिता और दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी को दर्शाता है.

    भारत-फ्रांस रक्षा साझेदारी हो रही है मजबूत

    • अप्रैल 2025 में भारत ने 7.5 अरब डॉलर की राफेल M डील साइन की
    • अब प्रस्तावित 61,000 करोड़ रुपये की इंजन डील
    • दोनों देश संयुक्त अभ्यासों और डिफेंस टेक्नोलॉजी को-डेवलपमेंट में भी बढ़ा रहे हैं सहयोग

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