इस्लामाबाद: भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो और सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने कड़े और तीखे बयान देकर भारत को खुली चुनौती दी है. दोनों नेताओं की तरफ से दी गई इन धमकियों ने दोनों देशों के बीच विवादों को और बढ़ा दिया है. बिलावल भुट्टो ने इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि, "अगर भारत सिंधु जल संधि को स्थगित रखता है और उसपर बांध बनाता है तो भारत के खिलाफ युद्ध होगा."
भुट्टो ने भारत को दी गीदड़भभकी
भुट्टो ने कहा कि, "इस जद्दोजहद में हमें आपकी जरुरत है. हमें एक होकर प्रधानमंत्री मोदी की ओर से किए जा रहे जुल्म के खिलाफ आवाज उठानी है. ताकि हम पीएम मोदी के जुल्म से लड़ सकें." बिलावल भुट्टो ने गीदड़भभकी देते हुए कहा, "आपमें इतनी ताकत है, इस मुल्क में इतनी ताकत है कि हम जंग में इनका मुकाबला कर सकते हैं. पाकिस्तान जंग की बात नहीं करता, इंडिया जंग की बात करता है, लेकिन अगर इनको जंग करनी है तो पाकिस्तान जंग से पीछे नहीं हटेगा."
सिंधु को लेकर मुनीर की गीदड़भभकी
सिंधु जल संधि पर बोलते हुए पाकिस्तान के आर्मी फील्ड मार्शल मुनीर ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए और यहां तक कह डाला कि अगर भारत सिंधु नदी पर कोई बांध बनाता है, तो पाकिस्तान उसे मिसाइलों से उड़ा देगा. उन्होंने दावा किया कि भारत की सिंधु जल संधि को स्थगित करने की हालिया पहल से पाकिस्तान में 25 करोड़ लोग भुखमरी की चपेट में आ सकते हैं. मुनीर ने कहा कि, "हम इंतजार करेंगे कि भारत बांध बनाए और जैसे ही वह ऐसा करेगा, हम दस मिसाइलों से उसे नष्ट कर देंगे. सिंधु नदी भारतीयों की निजी संपत्ति नहीं है और हमें मिसाइलों की कोई कमी नहीं."
भारत का करारा जवाब
भारत ने पाकिस्तान की इन गीड़भभकियों पर जोरदार पलटवार किया है. विदेश मंत्रालय बयान जारी करते हुए कहा कि, "हमारा ध्यान पाकिस्तानी सेना प्रमुख द्वारा अमेरिका की यात्रा के दौरान कथित तौर पर की गई टिप्पणियों की ओर आकर्षित हुआ है. परमाणु हथियारों की धमकियां पाकिस्तान की आदत है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय स्पष्ट तौर पर देख सकता है कि इस तरह के बयान कितने गैर जिम्मेदाराना है."
विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि, "ये बयान उस संदेह को भी और मजबूत करते हैं जो पहले से ही मौजूद है कि जिस देश में सेना आतंकवादी संगठनों के साथ मिली हुई है, वहां परमाणु हथियारों के नियंत्रण और जिम्मेदारी पर भरोसा नहीं किया जा सकता. यह भी चिंताजनक है कि ये टिप्पणियां किसी मित्र देश की धरती से की गई हैं." विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा कि, "भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वह परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा. हम अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाते रहेंगे."
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