बीच में आ गए क्या कर सकते हैं? क्रेडिट खोर ट्रंप को क्यों नहीं मिला सीजफायर का श्रेय; विदेश सचिव ने दिया जवाब

    Operation Sindoor: पाक अधिकृत कश्मीर के आतंकी ठिकानों पर भारत के हालिया जवाबी एक्शन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद देश-विदेश में कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं. इसी बीच 19 मई 2025 को विदेश मामलों की संसद की स्थायी समिति की बैठक में विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पहली बार आधिकारिक रूप से हालात की जानकारी दी

    Foreign Secratary vikram misri over trump statemnent on ceasefire issue
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    Operation Sindoor: पाक अधिकृत कश्मीर के आतंकी ठिकानों पर भारत के हालिया जवाबी एक्शन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद देश-विदेश में कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं. इसी बीच 19 मई 2025 को विदेश मामलों की संसद की स्थायी समिति की बैठक में विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पहली बार आधिकारिक रूप से हालात की जानकारी दी. बैठक में उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर, भारत-पाक तनाव, परमाणु खतरे, अमेरिका के दावों और तुर्किए की भूमिका जैसे कई अहम मुद्दों पर स्पष्ट बयान दिया.

    क्या परमाणु तनाव की आशंका थी?

    विदेश सचिव ने समिति के सामने साफ किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच अब तक का सैन्य तनाव पारंपरिक दायरे में ही रहा है. पाकिस्तान की ओर से किसी भी प्रकार के परमाणु खतरे का कोई संकेत नहीं मिला है, और भारत ने भी किसी न्यूक्लियर ठिकाने को निशाना नहीं बनाया.

    भारत के फाइटर जेट को हुआ कोई नुकसान?

    बैठक के दौरान कुछ सदस्यों ने यह भी जानना चाहा कि क्या सैन्य टकराव में भारत के किसी लड़ाकू विमान को नुकसान पहुंचा है. इस पर विदेश सचिव ने संयम बरतते हुए कहा कि यह एक ऑपरेशनल संवेदनशील सूचना है, जिसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता.

    ट्रंप के सीजफायर दावे पर भारत का पलटवार

    जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाक संघर्ष रोकने में अमेरिका की भूमिका के दावे पर सवाल उठे, तो विक्रम मिसरी ने साफ शब्दों में कहा कि यह द्विपक्षीय मुद्दा था और सीजफायर का निर्णय भारत और पाकिस्तान के बीच आपसी बातचीत से हुआ. उन्होंने यह भी जोड़ा कि जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील मामलों में बाहरी देशों की टिप्पणी का कोई औचित्य नहीं है. किसी अन्य देश को जम्मू-कश्मीर के मुद्दों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है." विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा की ट्रंप हमसे पूछ कर तो बीच में कूदे नहीं थे अब वह अचानक आ गए तो हम क्या कर सकते हैं. 

    ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान को किया गया था अलर्ट?

    हाल के दिनों में विदेश मंत्री एस. जयशंकर के एक बयान को लेकर यह अफवाह उड़ी थी कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से पहले ही पाकिस्तान को चेतावनी दी थी. इस पर विक्रम मिसरी ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि विदेश मंत्री के बयान को गलत संदर्भ में पेश किया गया. उन्होंने बताया कि यह सूचना ऑपरेशन के पहले चरण के बाद पाकिस्तान को दी गई थी, न कि उससे पहले.

    पाकिस्तान के हथियार और चीन की भूमिका

    एक अन्य सवाल में पाकिस्तान द्वारा चीन निर्मित हथियारों के इस्तेमाल पर चर्चा हुई. विदेश सचिव ने बताया कि दुश्मन ने जो भी हथियार इस्तेमाल किए, उनका भारत की सेनाओं ने दृढ़ और प्रभावी जवाब दिया. उन्होंने यह भी जोड़ा कि तुर्किए और पाकिस्तान जैसे देशों के साथ भारत के रिश्तों का ऐतिहासिक संदर्भ कोई नया नहीं है, और भविष्य में भी पाकिस्तान से संबंधों में सुधार की संभावना बेहद कम है.

    समिति की बैठक में कौन-कौन रहा मौजूद?

    इस उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने की. इसमें तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी, कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला और दीपेंद्र हुड्डा, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, बीजेपी की अपराजिता सारंगी और अरुण गोविल समेत कई दलों के वरिष्ठ नेता मौजूद थे.

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