मालदीव की पूर्व रक्षा मंत्री मरिया अहमद दीदी ने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को लेकर खुलकर बात की है. उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा कि मालदीव और भारत के रिश्ते सिर्फ कूटनीतिक नहीं, बल्कि ऐतिहासिक और सामरिक हैं.
CNN-News18 को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में दीदी ने इस साझेदारी को 'स्थायी मित्रता' बताया और कहा कि राजनीतिक मतभेदों के चलते जो दरारें पैदा की गईं, उन्हें अब भरने का समय आ गया है.
भारत हमारा भरोसेमंद विकास साझेदार रहा है
मरिया दीदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया मालदीव यात्रा को "ऐतिहासिक क्षण" बताया और कहा कि भारत हमेशा से मालदीव के विकास, सुरक्षा और स्थिरता में महत्वपूर्ण भागीदार रहा है. उन्होंने कहा, "मोदी सरकार के 'Neighbourhood First' विजन में मालदीव को खास महत्व दिया गया है. अब मालदीव को भी 'India First' की सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए."
राजनीतिक बयानबाज़ी से ऊपर उठकर राष्ट्रीय हितों की बात
पूर्व रक्षा मंत्री ने दो टूक कहा कि कुछ राजनीतिक ताक़तों ने भारत-मालदीव संबंधों को चुनावी मुद्दा बनाकर नुकसान पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन अब समय है कि राष्ट्रीय हित इन सभी से ऊपर रखे जाएं. उन्होंने यह भी कहा कि जब मौजूदा सरकार ने सत्ता संभाली तो भारत को लेकर संदेह और दूरी का माहौल बनाया गया, लेकिन अब खुद राष्ट्रपति मुइज्जू को यह समझ में आने लगा है कि भारत के बिना संतुलित विदेश नीति संभव नहीं.
रक्षा सहयोग की बुनियाद भारत ने रखी
दीदी ने बताया कि मालदीव के रक्षा मंत्रालय की नई इमारत भारत की मदद से बनी है, और यह उनका ही शुरू किया हुआ प्रोजेक्ट था. उनके मुताबिक यह इमारत केवल एक संरचना नहीं, बल्कि भारत-मालदीव रक्षा सहयोग का प्रतीक है. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि दोनों देशों की सुरक्षा चिंताएं, समुद्री हित, और आतंकवाद विरोधी नीति एक-दूसरे से मेल खाती हैं.
चीन को लेकर बिना नाम लिए चेतावनी
हालांकि उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा साफ था. उन्होंने कहा, "हिंद महासागर क्षेत्र की स्थिरता, रणनीतिक संतुलन और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए भारत के साथ हमारी साझेदारी ज़रूरी है." इस संदर्भ में उन्होंने मालदीव सरकार से अपील की कि भारत-विरोधी प्रोपेगेंडा का सक्रिय रूप से जवाब दिया जाना चाहिए, जिससे जनता को सही तस्वीर दिखाई दे सके.
India Out अभियान देशहित के खिलाफ
मरिया दीदी ने कहा कि राष्ट्रपति मुइज्जू को चाहिए कि वे स्वयं सामने आकर जनता को भारत की भूमिका और महत्त्व के बारे में स्पष्ट रूप से बताएं. उन्होंने कहा, "India Out जैसे अभियान देश की अंतरराष्ट्रीय छवि को धक्का पहुंचाते हैं और ये बताने की ज़रूरत है कि भारत हमारे लिए साझेदार है, कोई खतरा नहीं."
हमारी सोच, संस्कृतियाँ और भविष्य एक जैसे हैं
दीदी ने यह भी जोड़ा कि भारत और मालदीव का अतीत, खानपान, संस्कृति, लोकतांत्रिक व्यवस्था और राजनीतिक मूल्य आपस में गहरे जुड़े हुए हैं. इसलिए इस रिश्ते को आगे बढ़ाने के लिए दोनों देशों को समान रूप से प्रयास करने चाहिए.
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