लंदन के प्रतिष्ठित पार्लियामेंट स्क्वायर में शनिवार दोपहर माहौल अचानक गर्म हो गया, जब फिलिस्तीन के समर्थन में जुटे सैकड़ों प्रदर्शनकारी ब्रिटिश सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी करते नज़र आए. इस प्रदर्शन का आयोजन 'पैलेस्टाइन एक्शन' पर जुलाई में लगाए गए आतंकवाद विरोधी प्रतिबंधों के विरोध में किया गया था.
प्रदर्शनकारियों के हाथों में तख्तियां और पोस्टर थे, जिन पर लिखा था— "नरसंहार का विरोध करो, फिलिस्तीन के साथ खड़े होओ." लेकिन शांतिपूर्ण शुरुआत के कुछ ही देर बाद मामला बेकाबू होता चला गया.
पुलिस की कार्रवाई और बढ़ता विरोध
जब पुलिस ने भीड़ में मौजूद कुछ प्रदर्शनकारियों को पोस्टर रखने के आरोप में हिरासत में लेना शुरू किया, तो विरोध तेज़ हो गया. महात्मा गांधी और मिलिसेंट फॉसेट की प्रतिमाओं के बीच खड़े लोग गुस्से से भर उठे. मेट्रोपॉलिटन पुलिस के मुताबिक, अब तक 425 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया, जिनमें से 25 से अधिक पर पुलिस पर हमले और सार्वजनिक अव्यवस्था फैलाने के आरोप लगाए गए हैं. हालांकि आयोजकों का कहना है कि पुलिस की कार्रवाई अनुचित और गैर-जरूरी थी. कई बुज़ुर्ग, जिनकी उम्र 70 से ऊपर थी, को भी जबरन गिरफ़्तार किया गया.
'गाज़ा की तबाही देखकर चुप नहीं रह सकते'
प्रदर्शन में ब्रिटेन के प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता सर जोनाथन पोरिट भी शामिल हुए. उन्होंने कहा “गाज़ा में जो हो रहा है, वो मानवता के खिलाफ है. हमें अपनी सरकार से जवाब मांगना चाहिए.”
पुलिस पर हमले और ‘संगठित विरोध’ का आरोप
पुलिस का दावा है कि उन्हें प्रदर्शन के दौरान गालियां दी गईं, उन पर थूका गया, धक्का-मुक्की हुई और सामान फेंका गया. पुलिस ने इसे “एक संगठित प्रयास” बताया और चेतावनी दी कि “कानून व्यवस्था भंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.”
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने जताई चिंता
मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने लंदन पुलिस की कार्रवाई पर नाराज़गी जताई है. उन्होंने कहा “सिर्फ कार्डबोर्ड पोस्टर पकड़ने पर लोगों को आतंकवाद कानून में गिरफ्तार करना बेहद चिंताजनक है.”
स्कॉटलैंड तक पहुंचा विरोध
लंदन के अलावा, स्कॉटलैंड की राजधानी एडिनबरा में भी फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन हुए. हालांकि वहां प्रदर्शन का स्वरूप छोटा था और पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया. इससे पहले अगस्त महीने में एक और विरोध प्रदर्शन में 500 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
गाज़ा में फिर तबाही, इज़राइल ने टावर उड़ाया
इसी बीच, गाज़ा सिटी में इज़रायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने एक और ऊंची इमारत को मिसाइल हमले में ध्वस्त कर दिया. यह कुछ ही दिनों में दूसरा टावर है जिसे इज़राइल ने निशाना बनाया है. इसराइली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा करते हुए लिखा “हमने चेतावनी दी थी, और हम जारी रखे हुए हैं.” IDF का कहना है कि हमास इस टावर का सैन्य उपयोग कर रहा था. हालांकि, हमास ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है. अभी तक मृतकों या घायलों की पुष्टि नहीं की गई है. हमले से पहले इज़राइली सेना ने पर्चे गिराकर स्थानीय नागरिकों से दक्षिणी क्षेत्र अल-मवासी की ओर जाने को कहा था, जिसे अपेक्षाकृत सुरक्षित ज़ोन माना जा रहा है.
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