Etawah News: यूपी के इटावा जिले के महेवा क्षेत्र के दांदरपुर गांव में शनिवार रात एक शर्मनाक घटना सामने आई, जिसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया. श्रीमद्भागवत कथा के दौरान ब्राह्मण न होने के शक में भगवताचार्य मुकट मणी और उनके साथ आए सहयोगियों को ग्रामीणों ने बर्बरता का शिकार बना दिया. भगवताचार्य का सिर मुड़वाकर चोटी काटी गई, नाक रगड़वाई गई और उनके पैर छूकर माफी मांगवाई गई. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही कई लोग सन्न रह गए.
कथावाचन के बाद मचा बवाल
भगवताचार्य मुकट मणी को व्यास के रूप में गांव बुलाया गया था. कथा समाप्ति के बाद अचानक यह बात सामने आई कि वे ब्राह्मण नहीं हैं. यह खबर जैसे ही गांव में फैली, स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. आरोप है कि इस विवाद के दौरान भगवताचार्य से 25 हजार रुपये, एक चेन और अंगूठी भी लूट लिए गए. इस अपमानजनक व्यवहार ने धार्मिक आयोजन की गरिमा को दागदार कर दिया.
पुलिस में शिकायत और कार्रवाई
पीड़ित मुकट मणी ने सोमवार को सपा सांसद जितेंद्र दोहरे, विधायक राघवेंद्र गौतम और अन्य नेताओं के साथ एसएसपी से मिलकर शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने मामले में चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि जांच जारी है और सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.
आधार कार्ड विवाद और पहचान का सवाल
इस पूरे मामले को और पेचीदा बनाता है भगवताचार्य के दो अलग-अलग आधार कार्ड. एक में मुकट मणी अग्निहोत्री का नाम और महेवा रोड अछल्दा का पता है, जबकि दूसरे में मुक्त सिंह नाम और इटावा जिले के एक अन्य गांव का पता दर्ज है. पुलिस जांच में उनके असली पते का पता शहर के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के जवाहरपुर से चला. पीड़ित का आरोप है कि ग्रामीणों ने उनके खिलाफ फर्जी दस्तावेज बनाकर पुलिस को सौंपे.
गांव वालों की प्रतिक्रिया
ग्रामीणों का कहना है कि भगवताचार्य ने खुद को ब्राह्मण बताया था, जबकि उनके असली जाति यादव होने की जानकारी सामने आई. कहा गया कि वह मथुरा-वृंदावन से होने का दावा करते थे और गांव वालों को भ्रमित करते थे. इस जातीय पहचान के विवाद ने धार्मिक आयोजन में अपमानजनक घटना को जन्म दिया.
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