Shahjahanpur News: शाहजहांपुर पुलिस ने एक ऐसे हाईटेक गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो कार को ही मोबाइल नोट प्रिंटिंग लैब में तब्दील कर नकली करेंसी तैयार करता था. इस गिरोह का मास्टरमाइंड और कोई नहीं, बल्कि पैथोलॉजिस्ट की डिग्री रखने वाला डॉ. नफीस अहमद निकला, जो अपने साथियों के साथ नकली नोटों का जाल बिछा रहा था. पुलिस ने शहर में घुसते वक्त घेराबंदी कर डॉक्टर नफीस समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया.
कार से चल रहा था पूरा सेटअप
डॉ. नफीस अहमद, मुरादाबाद जिले का रहने वाला है और उसने नकली नोटों को छापने के लिए बाकायदा एक कार को पूरी लैब में बदल दिया था. पुलिस ने उसके पास से दो प्रिंटर, लैमिनेशन मशीन, नोट कटिंग पेपर और 500, 100, 50 और 20 रुपये के कुल 4.61 लाख के नकली नोट बरामद किए हैं. आरोपी शाहजहांपुर में किराए पर कमरा लेकर यहां अपना स्थायी नेटवर्क फैलाने की तैयारी में था.
लॉकडाउन ने बनाया अपराधी
पूछताछ में नफीस और उसका साथी पंकज गंगवार (रुद्रपुर निवासी) ने बताया कि कोरोना लॉकडाउन के बाद बेरोजगारी ने उन्हें अपराध की ओर धकेला. एक-एक पैसे के लिए मोहताज हो चुके दोनों ने नकली नोट बनाकर छोटे दुकानदारों और ग्रामीण बाजारों में खपाना शुरू किया. शुरुआती सफलता ने इन्हें और भी शातिर बना दिया.
कार में बैठकर छापते थे नोट
गिरोह की कार्यशैली हैरान करने वाली है. पूछताछ में खुलासा हुआ कि पंकज ने तीन महीने पहले एक कार लोन पर ली थी, जिसका इस्तेमाल नोट छापने और खपाने में किया जाता था. चलते-फिरते इसी कार के अंदर बैठकर नकली नोट छापे जाते थे और आस-पास के जिलों में चलाए जाते थे.
20% कमीशन पर होता था कारोबार
गिरोह ने ब्रोकरों के जरिए नकली नोटों को 20% कमीशन पर वितरित करना शुरू किया. नफीस ने नकली नोट बनाना जाकिर नामक व्यक्ति से सीखा था, जिसकी मौत के बाद उसने यह काम अपने स्तर पर शुरू किया. उसने बताया कि एक समय नकली चांदी बनाने का भी प्रयास किया, लेकिन वह सफल नहीं रहा.
इतिहास भी है आपराधिक
डॉ. नफीस पर पहले भी कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. 2018 में पहला केस नोएडा में दर्ज हुआ था. इसके बाद अमरोहा और मुरादाबाद में कुल छह मामले सामने आए हैं, जिनमें गैंगस्टर एक्ट भी शामिल है. पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, अब तक वह नोएडा और अमरोहा में 10 से 15 लाख रुपये की नकली करेंसी चला चुका है.
शाहजहांपुर में डिस्ट्रीब्यूटर बन चुका था निखिल
इस गिरोह का तीसरा सदस्य निखिल मिश्रा शाहजहांपुर का निवासी है, जिसे नफीस ने डिस्ट्रीब्यूटर की भूमिका दी थी. निखिल के ज़रिए नकली नोटों को स्थानीय बाजारों में फैलाने की योजना थी, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी ने गिरोह की जड़ें जमने से पहले ही उखाड़ दीं.
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