Maharashtra News: भारत की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत महाराष्ट्र एटीएस ने ठाणे से एक अहम गिरफ्तारी की है. इस बार पकड़ा गया आरोपी एक 27 वर्षीय जूनियर इंजीनियर है, जो ‘हनी ट्रैप’ में फंसकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों को देश की संवेदनशील जानकारी मुहैया करा रहा था. यह मामला भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को सीधे चुनौती देने वाला है.
फर्जी आईडी बनाकर फंसाया
पुलिस के अनुसार, आरोपी रवींद्र वर्मा, जो मुंबई की एक निजी रक्षा कंपनी में काम करता था, उसे एक पाकिस्तानी ऑपरेटिव ने महिला की फर्जी पहचान बनाकर सोशल मीडिया के जरिए फंसाया. फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट मिलने के बाद दोनों की व्हाट्सएप पर बातचीत शुरू हुई, जिसमें आरोपी ने कई संवेदनशील सूचनाएं साझा कीं. ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के माध्यम से आरोपी को पैसे भी भेजे गए.
एटीएस की सटीक कार्रवाई
महाराष्ट्र एटीएस को आरोपी के सोशल मीडिया नंबर का पता चला, जिसे वे तुरंत ट्रैक करने में सफल रहे. जांच में यह पता चला कि यह नंबर पाकिस्तानी ऑपरेटिव के नियंत्रण में था. आरोपी को गिरफ्तार कर 2 जून तक पुलिस कस्टडी में रखा गया है, ताकि पूरी गहन पूछताछ की जा सके. इसके अलावा आरोपी के मोबाइल और सोशल मीडिया अकाउंट की भी जांच जारी है.
अब तक की कार्रवाई और बाकी की तलाश
एटीएस इस मामले में दो अन्य आरोपियों की भी तलाश कर रही है, जिनमें एक पाकिस्तानी ऑपरेटिव और एक भारतीय नागरिक शामिल हैं. देश के तीन राज्यों में अब तक कुल चार जासूस पकड़े जा चुके हैं, जो सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तानी एजेंटों को खुफिया जानकारी भेजते थे.
महाराष्ट्र में जासूसी के कई मामले
‘ऑपरेशन सिंदूर’ से पहले भी महाराष्ट्र में कई महत्वपूर्ण गिरफ्तारी हुई हैं. मझगांव डॉक में काम करने वाले कल्पेश बालकर, डीआरडीओ के वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड के दीपक शिरसाठ जैसे आरोपी पाकिस्तान के लिए खुफिया जानकारी जुटाने के आरोप में गिरफ्तार हो चुके हैं.
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