नई दिल्ली: क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते चलन ने जहां निवेशकों को कमाई का नया रास्ता दिया, वहीं धोखेबाजों को भी मौका मिल गया है अपनी चालें चलने का. ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें 166 करोड़ रुपये की साइबर ठगी का मास्टरमाइंड चिराग तोमर अमेरिका में गिरफ्तार हो चुका है. भारत में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए चिराग और उसके परिवार से जुड़ी करोड़ों की संपत्ति जब्त कर ली है.
18 प्रॉपर्टी और बैंक बैलेंस सीज
ED ने 2 अगस्त 2025 को चिराग तोमर, उसके परिवार और उससे जुड़ी संस्थाओं की 42.8 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी रूप से जब्त कर ली. इनमें दिल्ली की 18 अचल संपत्तियां और कई बैंक खातों में जमा राशि शामिल हैं.
कैसे रची गई 166 करोड़ की क्रिप्टो ठगी की साजिश?
चिराग तोमर ने अमेरिकी क्रिप्टो प्लेटफॉर्म Coinbase की हूबहू नकल वेबसाइट तैयार करवाई. इस फर्जी वेबसाइट को गूगल पर ऊपर लाने के लिए SEO का सहारा लिया गया, जिससे लोग असली साइट की बजाय इसी नकली पेज पर क्लिक करें. वेबसाइट पर लॉगिन करते वक्त यूजर को गलत पासवर्ड का संदेश दिया जाता और फिर सहायता के लिए एक फर्जी कॉल सेंटर से जोड़ा जाता, जिसे चिराग खुद संचालित करता था. वहां से जालसाज पीड़ितों के क्रिप्टो वॉलेट की जानकारी चुरा लेते थे.
धोखाधड़ी की रकम से खरीदी प्रॉपर्टी
चोरी की गई क्रिप्टोकरेंसी को तुरंत P2P प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए बेच दिया जाता और प्राप्त राशि भारतीय बैंकों में भेज दी जाती. इसी पैसे से चिराग और उसके परिवार ने दिल्ली में महंगी प्रॉपर्टी खरीदी. चिराग तोमर इस समय अमेरिका में हिरासत में है. ईडी की जांच फिलहाल जारी है. एजेंसी इस बात का पता लगा रही है कि इस घोटाले में और कौन-कौन शामिल हैं और कुल कितनी संपत्ति इस साइबर ठगी के जरिए अर्जित की गई है.
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