मेलोनी गाजा के लिए आवाज उठाओ, जंग के बीच किसने की इटली की पीएम से ये अपील?

    गाज़ा में जारी मानवीय संकट के बीच तुर्की की प्रथम महिला एमीन एर्दोगन ने अमेरिका की पूर्व प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप से एक भावनात्मक अपील की है. उन्होंने मेलानिया से अनुरोध किया है कि वे गाज़ा में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ अपनी आवाज उठाएं और इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से संवाद करें.

    Emine Erdogan appeals to italy pm to raise her voice for gaza children
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    गाज़ा में जारी मानवीय संकट के बीच तुर्की की प्रथम महिला एमीन एर्दोगन ने अमेरिका की पूर्व प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप से एक भावनात्मक अपील की है. उन्होंने मेलानिया से अनुरोध किया है कि वे गाज़ा में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ अपनी आवाज उठाएं और इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से संवाद करें.

    एमीन एर्दोगन ने यह पत्र तब लिखा जब गाज़ा में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं और बच्चों की स्थिति अत्यंत दयनीय हो चुकी है. उनका कहना है कि मेलानिया ट्रंप ने पहले रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे बच्चों के लिए जो संवेदनशीलता दिखाई थी, वह अब फिलिस्तीनी बच्चों के लिए भी जरूरी है.

    पत्र में क्या कहा गया?

    एमीन ने अपने पत्र में मेलानिया ट्रंप द्वारा राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लिखे गए उस पत्र का ज़िक्र किया जिसमें उन्होंने युद्ध से प्रभावित यूक्रेनी बच्चों के लिए चिंता जताई थी. एमीन ने लिखा, “जिस तरह आपने यूक्रेन के 648 बच्चों के लिए करुणा और सहानुभूति दिखाई, मुझे पूरा यक़ीन है कि आप गाज़ा के निर्दोष बच्चों के लिए भी वैसी ही संवेदनशीलता दिखाएंगी.” उन्होंने यह भी कहा कि फिलिस्तीन को वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाने की जो मुहिम चल रही है, उसमें मेलानिया की आवाज एक ऐतिहासिक भूमिका निभा सकती है. यह पत्र शुक्रवार को लिखा गया और तुर्की के राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा इसे सार्वजनिक किया गया.

    व्हाइट हाउस की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

    गाज़ा में बढ़ता भूख और मौत का साया गाज़ा पट्टी इस वक्त भीषण मानवीय संकट का सामना कर रही है. विश्व स्तर पर काम कर रहे एक भूख निगरानी समूह ने चेतावनी दी है कि गाज़ा शहर और उसके आसपास के इलाकों में भुखमरी की शुरुआत हो चुकी है. हालात इतने गंभीर हैं कि वैश्विक समुदाय अब इज़रायल से लगातार यह मांग कर रहा है कि वह मानवीय सहायता के मार्ग खोले और राहत सामग्री को गाज़ा तक पहुंचने दे. हालांकि, इज़रायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इन खबरों को "झूठा प्रचार" बताते हुए कहा है कि, “इज़रायल भुखमरी को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है, इसे बढ़ाने के लिए नहीं.”

    मेलानिया ट्रंप और बच्चों के लिए शांति की अपील

    युद्धग्रस्त क्षेत्रों में बच्चों की स्थिति को लेकर मेलानिया ट्रंप पहले भी चिंता जता चुकी हैं. बीते 15 अगस्त, जब अलास्का में डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात हुई थी, उस दौरान मेलानिया ट्रंप मौजूद नहीं थीं, लेकिन उन्होंने पुतिन के लिए एक निजी पत्र ट्रंप के जरिए भेजा था. इस पत्र में उन्होंने लिखा था कि, “बच्चों की मासूमियत किसी भी सीमा, धर्म, सरकार या विचारधारा से परे होती है. युद्ध उनकी हंसी छीन लेता है, और हमें मिलकर वो हंसी लौटानी चाहिए.”

    गाज़ा युद्ध में अब तक 62,000 से अधिक मौतें

    7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुए इस गाज़ा युद्ध में अब तक 62,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी नागरिक मारे जा चुके हैं, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. यह संघर्ष तब शुरू हुआ जब हमास ने दक्षिणी इज़रायल पर हमला करते हुए करीब 1,200 लोगों की हत्या कर दी थी और लगभग 250 लोगों को बंधक बना लिया था. इसके जवाब में इज़रायल ने बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान चलाया, जिसकी वजह से गाज़ा में विनाश, विस्थापन और अब भूख का संकट गहराता जा रहा है.

    क्या मेलानिया बनेंगी गाज़ा के बच्चों की आवाज़?

    अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या मेलानिया ट्रंप, गाज़ा के बच्चों के लिए भी उसी करुणा के साथ आगे आएंगी, जिस तरह उन्होंने यूक्रेन के बच्चों के लिए आवाज़ उठाई थी. तुर्की की प्रथम महिला की यह पहल राजनीतिक सीमाओं से ऊपर उठकर मानवता की पुकार है, और यह देखना बाकी है कि अमेरिका की ओर से इस पर क्या प्रतिक्रिया आती है.

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