पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में आसमान से बरसती आफत ने लोगों की ज़िंदगियां उलट दी हैं. कहीं दीवारें ढही, तो कहीं घर बह गए. चकवाल, लाहौर, फैसलाबाद, और साहीवाल जैसे शहरों में बारिश सिर्फ पानी नहीं, तबाही लेकर आई. बीते 24 घंटों में तेज बारिश और उससे जुड़ी घटनाओं में कम से कम 30 लोगों की मौत हो चुकी है — और ये आंकड़ा हर घंटे बढ़ सकता है.
बुधवार से ही तेज बारिश की शुरुआत हुई थी, लेकिन रात होते-होते हालात हाथ से फिसलने लगे. चकवाल सबसे ज़्यादा प्रभावित है, जहां सिर्फ एक दिन में 423 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई. ये सामान्य से कई गुना ज़्यादा है. अचानक आई बाढ़ ने पूरे शहर को चपेट में ले लिया. सड़कों पर पानी का सैलाब है, लोग घरों में फंसे हुए हैं और सेना की मदद से बचाव कार्य चल रहा है.
सेना उतरी राहत के लिए
प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (PDMA) के अनुसार, चकवाल में सेना और स्थानीय प्रशासन मिलकर राहत अभियान चला रहे हैं. हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू, नावों से लोगों को निकालना, और अस्थायी शेल्टर तैयार करना जैसे उपाय किए जा रहे हैं. लेकिन दिक्कत ये है कि लगातार बारिश के चलते हर घंटे चुनौती और बड़ी होती जा रही है.
मरियम नवाज सरकार ने घोषित की रेन इमरजेंसी
मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने हालात की गंभीरता को देखते हुए पूरे पंजाब में 'रेन इमरजेंसी' घोषित कर दी है. सरकार ने साफ कहा है कि जिला प्रशासन, पुलिस और रेस्क्यू टीमें पूरी तरह एक्टिव हैं, लेकिन लोगों से भी सतर्क रहने की अपील की गई है. खास तौर पर उन इलाकों में जहां नदी-नाले बहते हैं या निचले क्षेत्र हैं.
लाहौर से लेकर पाकपट्टन तक तबाही
लाहौर, फैसलाबाद, ओकारा, साहीवाल, पाकपट्टन और चकवाल— इन सभी शहरों में दर्जनों लोगों की जान गई है. अकेले पंजाब में अब तक 300 लोग घायल हो चुके हैं. जिन घरों में कल तक चूल्हे जल रहे थे, वहां आज मलबा और कीचड़ है. करीब 125 से ज्यादा घर या तो ढह चुके हैं या रहने लायक नहीं बचे.
पूरे देश में अब तक 170 मौतें
26 जून को जब मानसून ने दस्तक दी थी, किसी ने नहीं सोचा था कि यह इतनी भयानक शक्ल ले लेगा. पाकिस्तान भर में अब तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में 170 लोगों की मौत हो चुकी है — और सबसे ज्यादा नुकसान पंजाब को झेलना पड़ा है.
खतरा अभी टला नहीं
अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि बारिश का दौर फिलहाल जारी रहेगा. नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ सकता है, जिससे और बाढ़ आने का खतरा है. बिजली के खंभे गिरने, मकानों की दीवारें टूटने और सड़कें बहने जैसी घटनाएं भी संभावित हैं.
क्या कहना है सरकार का?
पंजाब सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हर जिले में कंट्रोल रूम बनाए गए हैं और सभी विभागों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. लेकिन सच ये है कि कुदरत के आगे अभी भी हर तैयारी कम पड़ रही है.
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