Tesla In India: लंबे इंतजार के बाद आखिरकार टेस्ला की भारत में एंट्री हो ही गई, 15 जुलाई यानी मंगलवार को दुनिया के सबसे अमिर इंसान एलन मस्क की कार कंपनी टेस्ला ने अपना पहला शोरूम मुबंई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में खोला है. कंपनी ने कारों की बुकिंग भी ओपन कर दिया है. गौरतलब है कि लंबे समय से एलन मस्क भारत में टेस्ला को लॉन्च करना चाहते थे, लेकिन भारत सरकार के कुछ शर्तों के कारण ये संभव नहीं पाया. इसी साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे के दौरान एलन मस्क से मुलाकात के बाद यह स्पष्ट हो गया था कि अब जल्द ही टेस्ला भारत में अपना पहला कदम रखेगी. गौरतलब है कि मार्केट वैल्यू के अनुसार, टेस्ला दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार है. टेस्ला का मार्केट कैपिटलाइजेशन करीब 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखिर टेस्ला की शुरुवात कैसे हुई?
1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का मार्केट कैप
टेस्ला दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार है. इस कंपनी का मार्केट कैप करीब एक ट्रिलियन डॉलर से अधिक है. अमेरिकी ऑटो इंडस्ट्री में बड़ी हिस्सेदारी टेस्ला की है. इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी टेस्ला का 2024 में रेवेन्यू 97.7 अरब डॉलर रहा था, वहीं अमेरिकी इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्केट में साल 2023 में करीब 55 फिसदी मार्केट शेयर था. बीते सालों में जरूर इसमें गिरावट दर्ज की गई है. टेस्ला मार्केट कैप के साथ ही वर्कफोर्स के हिसाब से भी टॉप कंपनियों में स्थापित है. दुनियाभर में इस कंपनी में 1,25,665 कर्मचारी काम कर रहे हैं. गौरतलब है कि भारत में एंट्री से पहले टेस्ला के शेयर में उछाल देखने को मिला. पिछले पांच कारोबारी दिन में टेस्ला के शेयर में 7 फिसदी की बढ़त देखी गई है.
मस्क ने नहीं की थी टेस्ला की शुरुआत
जब भी टेस्ला का नाम आता है, दिमाग में सबसे पहले एलन मस्क की तस्वीर उभरती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एलन मस्क टेस्ला के असली फाउंडर नहीं हैं? टेस्ला मोटर्स की शुरुआत जुलाई 2003 में मार्टिन एबरहार्ड और मार्क टारपेनिंग ने की थी. इन दोनों ने ही कंपनी की नींव रखी थी, और इसका मकसद था इलेक्ट्रिक कारों का भविष्य बनाना. एलन मस्क बाद में, यानी 2004 में एक इन्वेस्टर के तौर पर कंपनी से जुड़े. उन्होंने शुरुआती फंडिंग में 6.5 मिलियन डॉलर का निवेश किया और चेयरमैन बने. टेक्नोलॉजी और ब्रांडिंग में उनका योगदान जरूर जबरदस्त रहा, लेकिन वे शुरुआती दो संस्थापकों में शामिल नहीं थे. 2009 में एक कानूनी समझौते के बाद, एलन मस्क समेत पाँच लोगों को टेस्ला का आधिकारिक को-फाउंडर माना गया.
टेस्ला के फीचर्स
टेस्ला की इलेक्ट्रिक कारें लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से लैस होती हैं. सबसे पहले बात करें इसके फुल-सेल्फ ड्राइविंग (FSD) फीचर की जो कार को बिना ड्राइवर के भी चला सकता है. इसमें कैमरा, सेंसर और AI की मदद से रियल टाइम डिसीजन लिए जाते हैं. इसके बाद आता है ऑटोपायलट मोड, जो हाईवे पर आपकी ड्राइविंग को लगभग ऑटोमैटिक बना देता है. चार्जिंग की बात करें तो टेस्ला की कारें सिर्फ 15 मिनट में 200 किमी की रेंज चार्ज कर लेती हैं यानी कॉफी खत्म, और गाड़ी रेडी! इंटीरियर में है 15-इंच की टचस्क्रीन, वायरलेस अपडेट्स, मिनिमल डिज़ाइन और शानदार क्लाइमेट कंट्रोल. साथ ही, टेस्ला की सभी कारों में 6 एयरबैग, लेन कीप असिस्ट, फॉरवर्ड कोलिजन वार्निंग जैसे एडवांस सेफ्टी फीचर्स मिलते हैं। टेस्ला सिर्फ कार नहीं, भविष्य की झलक है.
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