इलेक्शन कमिशन की प्रेस कॉन्फ्रेंस आज, विपक्ष को मिल सकता है कड़ा जवाब!

    चुनाव आयोग (ECI) के प्रमुख ज्ञानेश कुमार आज, रविवार को नई दिल्ली में अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहे हैं. यह बैठक खास तौर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के आरोपों और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के संदर्भ में विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों के बीच हो रही है.

    Election Commission Press Confrence in delhi amid rahul gandhi vote chori alligations
    Image Source: ANI

    चुनाव आयोग (ECI) के प्रमुख ज्ञानेश कुमार आज, रविवार को नई दिल्ली में अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहे हैं. यह बैठक खास तौर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के आरोपों और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के संदर्भ में विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों के बीच हो रही है. प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन राष्ट्रीय मीडिया सेंटर में दोपहर 3 बजे किया गया है.

    आम तौर पर चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस केवल चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के लिए करता है. लेकिन बिहार में SIR प्रक्रिया शुरू होने के बाद यह पहला मौका है जब आयोग ने अन्य मुद्दों पर खुलकर चर्चा करने का फैसला किया है. हालांकि प्रेस कॉन्फ्रेंस का आधिकारिक विषय घोषित नहीं किया गया है, सूत्रों का कहना है कि यह विपक्ष के आरोपों के जवाब में हो सकता है. ऐसे में राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के दावों और SIR को लेकर विपक्ष के सवालों का जवाब मिलने की संभावना है.

    राहुल गांधी का आरोप और चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया

    कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 7 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि महाराष्ट्र, हरियाणा विधानसभा चुनावों और कर्नाटक लोकसभा चुनावों में बीजेपी को जिताने के लिए वोटों में हेराफेरी की गई. उन्होंने मतदाता सूची में अनियमितताओं के सबूत भी पेश किए और कर्नाटक के महादेवपुरा क्षेत्र का उदाहरण दिया.

    इसके जवाब में चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से उन व्यक्तियों के नाम और हस्ताक्षरित शपथ-पत्र मांगे हैं, जिन्हें कथित तौर पर मतदाता सूची में गलत तरीके से जोड़ा या हटाया गया. आयोग ने स्पष्ट किया कि अगर विपक्ष इस संबंध में शपथ-पत्र नहीं दे पाता है, तो उन्हें जनता को गुमराह करने के लिए माफी मांगनी होगी.

    बिहार SIR: विपक्ष का विरोध और आयोग का रुख

    बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) शुरू किया गया है. इसका उद्देश्य हर योग्य नागरिक को मतदाता सूची में शामिल करना और संदिग्ध या अपात्र नामों को हटाना है. इस प्रक्रिया को विपक्ष भारी आलोचना का निशाना बना रहा है और दावा कर रहा है कि दस्तावेजों की कमी के कारण लाखों पात्र नागरिक वोटिंग से वंचित रह सकते हैं. संसद में मानसून सत्र के दौरान यह मुद्दा खूब चर्चा में रहा और मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा. अब चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर सभी की नजरें टिकी हैं कि आयोग इस विवादित विषय पर क्या रुख अपनाता है और विपक्ष के आरोपों का जवाब क्या होगा.

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