सिर्फ चीन ही नहीं, इस मुस्लिम देश ने भी की थी PAK की बड़ी मदद; खुद शहबाज ने बताई ये बात

    भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव ने जहां एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय राजनीति को गर्मा दिया है, वहीं अब इस पूरे घटनाक्रम में एक नया और अप्रत्याशित नाम सामने आया है.

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    भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव ने जहां एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय राजनीति को गर्मा दिया है, वहीं अब इस पूरे घटनाक्रम में एक नया और अप्रत्याशित नाम सामने आया है. मिस्र. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खुद खुलासा किया है कि मिस्र ने तनाव के इस दौर में पाकिस्तान का समर्थन किया है.

    फोन कॉल से खुला रहस्य, मिस्र को दी धन्यवाद की बधाई

    पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सीसी को फोन कर उनका आभार व्यक्त किया. बातचीत के दौरान शरीफ ने कहा कि मिस्र की संतुलित और शांतिपूर्ण भूमिका ने क्षेत्रीय तनाव को कम करने में मदद की. उन्होंने मिस्र की “डिप्लोमैटिक पहल” की सराहना करते हुए कहा कि इससे पाकिस्तान को नैतिक समर्थन मिला.

    मिस्र ने चुपचाप निभाई भूमिका, अब खुल गया राज

    हालांकि मिस्र ने अब तक इस मामले में कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया था, लेकिन शहबाज शरीफ की इस बातचीत ने पर्दे के पीछे की कूटनीति को उजागर कर दिया है. इससे पहले तुर्की, चीन और अजरबैजान का समर्थन सार्वजनिक रूप से सामने आ चुका था, पर मिस्र का नाम अब पहली बार पुष्टि के साथ सामने आया है.

    मिस्र का कार्गो विमान भी पहुंचा था पाकिस्तान

    दिलचस्प बात यह है कि 12 मई को 'फ्लाइट 24 रडार' की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि मिस्र का एक कार्गो विमान पाकिस्तान में उतरा था. उस वक्त यह खबर बिना खास तवज्जो के रह गई थी, लेकिन अब शहबाज शरीफ के खुलासे के बाद यह संकेत और मजबूत हो गया है कि मिस्र ने व्यावहारिक सहायता भी प्रदान की हो सकती है.

    सिंधु जल संधि पर भी हुई चर्चा

    फोन कॉल के दौरान सिंधु जल संधि का भी ज़िक्र हुआ, जिसे भारत ने हाल ही में होल्ड पर रखा है. शहबाज शरीफ ने इसे “क्षेत्रीय शांति के लिए अहम” बताया और कहा कि पाकिस्तान अब भी इस समझौते को गंभीरता से लेता है.

    द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा देने की कोशिश

    बातचीत के अंत में दोनों नेताओं ने आपसी संबंधों को और प्रगाढ़ करने की इच्छा जताई. शहबाज शरीफ ने मिस्र के राष्ट्रपति को पाकिस्तान की यात्रा के लिए आमंत्रित किया, जिसे राष्ट्रपति अल-सीसी ने सहर्ष स्वीकार कर लिया.
     

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