फ्रेंच फ्राइज खाने वाले हो जाएं सावधान, बढ़ सकता है इस बीमारी का रिस्क, रिसर्च में बड़ा खुलासा

    आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में जंक फूड लोगों के खाने का अहम हिस्सा बन चुका है. चाहे दोस्तों के साथ मस्ती हो या परिवार संग शाम की चाय, फ्रेंच फ्राइज और आलू के चिप्स अक्सर हमारी प्लेट में मौजूद रहते हैं. स्वाद में यह जितने लाजवाब लगते हैं, उतने ही खतरनाक भी साबित हो सकते हैं.

    Eating French fries thrice a week raises type 2 diabetes risk
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    आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में जंक फूड लोगों के खाने का अहम हिस्सा बन चुका है. चाहे दोस्तों के साथ मस्ती हो या परिवार संग शाम की चाय, फ्रेंच फ्राइज और आलू के चिप्स अक्सर हमारी प्लेट में मौजूद रहते हैं. स्वाद में यह जितने लाजवाब लगते हैं, उतने ही खतरनाक भी साबित हो सकते हैं. हाल ही में आई एक अंतरराष्ट्रीय रिसर्च ने चेतावनी दी है कि हफ्ते में तीन बार से ज्यादा फ्रेंच फ्राइज खाने से टाइप-2 डायबिटीज का खतरा कई गुना बढ़ सकता है.

    रिसर्च में सामने आया चौंकाने वाला सच

    कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की एक टीम ने अपने अध्ययन में पाया कि जो लोग हफ्ते में तीन बार से ज्यादा फ्रेंच फ्राइज खाते हैं, उनमें टाइप-2 डायबिटीज का खतरा 20 से 27 फीसदी तक बढ़ जाता है. यह आंकड़ा अपने आप में चौंकाने वाला है क्योंकि अब तक लोग मानते रहे कि सिर्फ मीठा और शुगर डायबिटीज का कारण है. लेकिन असलियत यह है कि आलू को किस तरीके से पकाया गया है, यह भी हमारी सेहत पर गहरा असर डालता है.

    क्यों हैं फ्रेंच फ्राइज सेहत के दुश्मन?

    फ्रेंच फ्राइज बनाने के लिए आलू को डीप फ्राई किया जाता है. इस प्रक्रिया में तेल, अनहेल्दी फैट और सोडियम की मात्रा बहुत ज्यादा हो जाती है. ये तत्व शरीर में इंफ्लामेशन (सूजन) बढ़ाते हैं, वजन बढ़ने का कारण बनते हैं और इंसुलिन रेसिस्टेंस पैदा करते हैं. यही तीन कारण टाइप-2 डायबिटीज के सबसे बड़े कारक हैं. इसके विपरीत, अगर आप आलू को उबालकर या बेक करके खाते हैं तो इसका इतना बुरा असर नहीं पड़ता. इसलिए एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि फ्रेंच फ्राइज की जगह उबले हुए आलू को संतुलित मात्रा में डाइट में शामिल करें.

    क्या है टाइप-2 डायबिटीज?

    टाइप-2 डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता या फिर बने हुए इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता. इससे खून में शुगर का स्तर असामान्य रूप से बढ़ जाता है.
    यह बीमारी सिर्फ ब्लड शुगर तक सीमित नहीं रहती, बल्कि समय रहते कंट्रोल न करने पर यह दिल, किडनी और आंखों को भी गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है.

    टाइप-2 डायबिटीज के लक्षण

    इस बीमारी के शुरुआती लक्षण अक्सर सामान्य लगते हैं, इसलिए लोग इन्हें गंभीरता से नहीं लेते. इनमें शामिल हैं:

    • बार-बार पेशाब आना
    • अत्यधिक प्यास लगना
    • ज्यादा भूख लगना
    • लगातार थकान रहना
    • घाव या चोट का देर से भरना
    • हाथ-पैरों में झनझनाहट या सुन्नपन
    • आंखों से धुंधला दिखना
    • अचानक वजन घटना या स्किन का ड्राई होना

    अगर ये लक्षण बार-बार दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए.

    आखिर क्या करें?

    फ्रेंच फ्राइज या चिप्स का पूरी तरह से त्याग करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन इन्हें कभी-कभार ही खाएं और कोशिश करें कि इन्हें घर पर हेल्दी तरीके से बनाया जाए. साथ ही, डाइट में फल, सब्जियां और अनाज शामिल करें और नियमित रूप से एक्सरसाइज करें. यही टाइप-2 डायबिटीज से बचाव का सबसे आसान और असरदार तरीका है.

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