'ऐसा भूकंप पहले कभी नहीं देखा', हरियाणा के झज्जर में था केंद्र, लोगों ने बताई अपने डर की आंखों-देखी कहानी

    दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार सुबह आए तेज़ भूकंप के झटकों ने लोगों को डरा दिया. कुछ पलों के लिए सब कुछ जैसे थम सा गया.

    earthquake epicentre in Jhajjar Haryana
    Image Source: ANI

    सुबह का वक्त था, लोग रोज़मर्रा के काम में जुटे थे. कोई ऑफिस के लिए तैयार हो रहा था, तो कोई छत पर बैठा चाय की चुस्की ले रहा था. तभी अचानक ज़मीन ने करवट ली और हर तरफ एक ही सवाल गूंजा—"भूकंप आया क्या?" दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार सुबह आए तेज़ भूकंप के झटकों ने लोगों को डरा दिया. कुछ पलों के लिए सब कुछ जैसे थम सा गया. घबराए लोग इमारतों से बाहर निकलकर खुले मैदानों की तरफ दौड़ पड़े.

    झज्जर बना झटकों का केंद्र

    इस भूकंप का केंद्र हरियाणा के झज्जर ज़िले में था, जहां सुबह 9 बजकर 4 मिनट पर ज़मीन कांपी. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.1 दर्ज की गई, जबकि गहराई 10 किलोमीटर रही. झटके इतने तेज़ थे कि झज्जर समेत आसपास के इलाकों में लोगों को कुछ भी समझने का मौका नहीं मिला. कई लोगों की नींद ही इन झटकों से खुल गई. चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई.

    “सब कुछ हिल रहा था, भागकर बाहर आया”

    भूकंप का अनुभव कर चुके एक युवक ने बताया, "मैं ऑफिस में काम कर रहा था, तभी देखा कि कंप्यूटर, टेबल, पंखा सब कुछ हिलने लगा. एक पल के लिए लगा कि कुछ बहुत बुरा होने वाला है. मैं तुरंत बाहर की ओर भागा. इससे पहले कभी इतना तेज झटका महसूस नहीं किया था. 2-3 मिनट तो समझ ही नहीं आया कि हुआ क्या है.”

    “मैं छत पर थी... अचानक सब कुछ हिलने लगा”

    एक महिला ने बताया, “मैं छत पर बैठकर काम कर रही थी, तभी अचानक ज़मीन कांपने लगी. दीवारें और छत तक हिल रही थीं. बहुत भयानक अनुभव था. डर के मारे मैं वहीं रुक गई, फिर तेजी से नीचे उतरकर बाहर निकली. ऐसा भूकंप मैंने पहले कभी महसूस नहीं किया.”

    आफ्टरशॉक्स का डर सताने लगा

    भूकंप के बाद आमतौर पर दोबारा हल्के झटके यानी आफ्टरशॉक्स आने की संभावना बनी रहती है. झज्जर और आसपास के लोगों को इसी बात की चिंता सता रही है. कई लोग तो अब भी डर के मारे घरों के बाहर ही हैं, ताकि दोबारा झटका आए तो जान बचा सकें.

    दिल्ली मेट्रो और दफ्तरों में भी हड़कंप

    भूकंप का असर दिल्ली मेट्रो पर भी पड़ा. सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत एहतियात के तौर पर मेट्रो सेवाएं 2-3 मिनट के लिए रोक दी गईं. हालांकि थोड़ी ही देर में स्थिति सामान्य हो गई और मेट्रो ट्रेनों का संचालन फिर से शुरू हो गया. नोएडा और गुरुग्राम के कई ऑफिसों में भी झटकों को महसूस किया गया, जिससे कुछ देर के लिए कामकाज ठप हो गया.

    कोई जानमाल का नुकसान नहीं, पर डर कायम

    सौभाग्य से अब तक किसी जान या बड़े नुकसान की खबर सामने नहीं आई है. लेकिन जो दहशत झटकों के बाद लोगों के चेहरों पर साफ दिख रही थी, वो किसी भी त्रासदी से कम नहीं. भूकंप भले ही कुछ सेकंड्स का होता है, लेकिन उसका डर लंबे समय तक दिलों में बना रह जाता है.

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