America On SCO Summit: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की कड़ी आलोचना की है. उनका कहना है कि ट्रंप की आर्थिक नीतियों और टैरिफ रणनीति ने दोनों देशों के दशकों पुराने भरोसेमंद रिश्ते को कमजोर किया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका की स्थिति भी प्रभावित हुई है.
स्काई न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में बोल्टन ने कहा कि अमेरिका और पश्चिमी देशों ने लंबे समय तक भारत को सोवियत संघ और अब चीन के प्रभाव से दूर रखने के लिए राजनयिक कोशिशें कीं. लेकिन ट्रंप की "विनाशकारी टैरिफ नीति" ने इन प्रयासों को पीछे धकेल दिया. भारत को एक रणनीतिक साझेदार बनाने में वर्षों लगे थे, लेकिन ट्रंप ने इसे हल्के में लिया. बोल्टन का मानना है कि इस नीति से भारत-अमेरिका के बीच रणनीतिक भरोसे की दीवार कमजोर हुई, और इससे चीन को भारत के करीब आने का मौका मिल गया.
पद छोड़ने के बाद अब खुलकर बोले बोल्टन
बोल्टन ने 2018 से 2019 तक ट्रंप के पहले कार्यकाल में नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) के रूप में काम किया था. हालांकि, विदेश नीति को लेकर मतभेद के चलते उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. अब, वह खुले मंचों पर ट्रंप की विदेश नीति और खासकर भारत के प्रति रवैये को लेकर लगातार बयान दे रहे हैं.
भारत पर जुर्माना लगा, चीन को फायदा मिला
बोल्टन ने यह भी कहा कि भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों ने उलटा असर किया. इससे भारत की रूस के साथ निकटता बनी रही, जबकि अमेरिका की बजाय चीन ने इस स्थिति का फायदा उठाकर भारत से रिश्तों को बेहतर किया. ट्रंप प्रशासन ने भारत पर दबाव डालकर बीजिंग को उसके करीब आने का खुला अवसर दे दिया.
एससीओ समिट की पृष्ठभूमि में बयान का असर
बोल्टन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को SCO शिखर सम्मेलन में साथ देखा गया. तीनों नेताओं की गर्मजोशी से मुलाकात को विश्लेषक अमेरिका के लिए एक सियासी संदेश मान रहे हैं. भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक, मोदी और शी की बातचीत में वैश्विक व्यापार स्थिरता और आर्थिक साझेदारी पर चर्चा हुई. इससे संकेत मिलता है कि भारत, चीन के साथ सहयोग के नए रास्ते तलाश रहा है.
सीजफायर का श्रेय लेने की कोशिश ने भारत को नाराज किया
बोल्टन ने एक और गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष में सीजफायर करवाने का श्रेय लेने की कोशिश की थी, जिससे भारत सरकार बेहद असहज हो गई. ऐसे कदमों ने भारत को अमेरिका की मंशा पर सवाल उठाने के लिए मजबूर किया.
यूक्रेन संकट पर भी ट्रंप की आलोचना
बोल्टन ने ट्रंप और पुतिन की अलास्का शिखर वार्ता को भी विफल करार दिया. उनका कहना है कि इस बैठक से रूस की नीति में कोई बदलाव नहीं आया, बल्कि उसके बाद यूक्रेन पर हमले और तेज हो गए.
बोल्टन का बड़ा खुलासा और FBI छापा
गौरतलब है कि जॉन बोल्टन ने ट्रंप प्रशासन की नीतियों की खुलकर आलोचना की है, खासकर भारत और रूस को लेकर. हाल ही में FBI ने उनके घर पर छापा भी मारा, जिससे यह मामला और चर्चा में आ गया है. हालांकि, इसके पीछे की वजह अभी साफ नहीं हुई है, लेकिन इसे उनकी बयानों से जोड़कर देखा जा रहा है.
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