नई दिल्ली: भारत के सामरिक मिसाइल कार्यक्रम ने हाल ही में एक और बड़ी छलांग लगाई है, जब देश ने अपनी इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) अग्नि-5 का उन्नत परीक्षण किया. यह मिसाइल भारत की रणनीतिक ताकत का एक प्रमुख स्तंभ है, जिसकी पहुंच चीन और उसके प्रमुख शहरों तक है.
इस परीक्षण को भारत की स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड ने अंजाम दिया और इसे एक नियमित अभ्यास बताया गया. लेकिन इसकी टाइमिंग और क्षमताओं के मद्देनजर यह साफ है कि भारत अपनी परमाणु नीति और सामरिक तैयारी को लेकर कोई समझौता नहीं कर रहा है.
भारत की यह मिसाइलें सिर्फ लंबी दूरी तक मार करने की क्षमता नहीं रखतीं, बल्कि इनमें MIRV तकनीक (Multiple Independently targetable Reentry Vehicle) का भी समावेश हो गया है, जो युद्ध के दौरान दुश्मन के लिए किसी भी प्रकार की रक्षा करना बेहद कठिन बना देता है. सवाल उठता है- क्या चीन इस खतरे को रोकने में सक्षम है?
भारत की मिसाइल क्षमताएं:
अग्नि-5 – भारत की परमाणु त्रिशूल का मुख्य हिस्सा
MIRV की ताकत यह है कि यह एक ही मिसाइल से अलग-अलग शहरों, ठिकानों या सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बना सकती है और उन्हें एक साथ नष्ट कर सकती है. यह चीन के बड़े शहरों, सैन्य बेस और इन्फ्रास्ट्रक्चर को एक झटके में निष्क्रिय कर सकती है.

ब्रह्मोस की गिनती दुनिया की सबसे तेज़ क्रूज मिसाइलों में होती है. यह समुद्र, जमीन और हवा से लॉन्च की जा सकती है, और इसकी हाइपरसोनिक वर्जन (ब्रह्मोस-2) पर तेज़ी से काम चल रहा है.
क्या चीन अग्नि-5 को रोक सकता है?
चीन, जिसे परमाणु और मिसाइल तकनीक में वैश्विक महाशक्ति माना जाता है, लगातार अपने रक्षा तंत्र को अपग्रेड कर रहा है. उसके पास लगभग 600 न्यूक्लियर वॉरहेड्स और कई तरह के मिसाइल डिफेंस सिस्टम मौजूद हैं.
चीन के प्रमुख एयर और मिसाइल डिफेंस सिस्टम:
HQ-19 / DN-3
HQ-9 / HQ-9B
SC-19, DN-3 के परीक्षण
निष्कर्ष: MIRV तकनीक और अग्नि-5 की स्पीड को देखते हुए, चीन के मौजूदा सिस्टम उसे पूरी तरह रोक पाने में सक्षम नहीं हैं. ब्रह्मोस जैसी मिसाइलों को भी पाकिस्तान या अन्य स्थानों पर सफलतापूर्वक रोका नहीं जा सका है.
क्या चीन का डिफेंस सिस्टम फेल हो सकता है?
इसके लिए एक उदाहरण ईरान-इजरायल युद्ध है, जहां अत्याधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम होने के बावजूद इजरायल ईरान की बैलिस्टिक मिसाइलों को पूरी तरह रोक नहीं पाया.
जब मिसाइलें अधिक संख्या में, अलग-अलग दिशा से और उच्च गति से आती हैं, तो उन्हें इंटरसेप्ट करना अत्यंत चुनौतीपूर्ण हो जाता है- यही MIRV का मूल उद्देश्य भी है.
भारत के अगले कदम- अग्नि-6 और ब्रह्मोस-NG
अग्नि-6
अनुमानित रेंज: 8,000–10,000 किमी
क्षमताएं:
ब्रह्मोस-NG
यह नई पीढ़ी की सुपरसोनिक मिसाइल होगी जो आकार में छोटी, लेकिन गति में तेज़ और अधिक घातक होगी. इसे लड़ाकू विमानों, पनडुब्बियों और मोबाइल प्लेटफॉर्म से लॉन्च किया जा सकेगा.
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