आज के दौर में जहां छुट्टी मांगने पर एचआर सैलरी काटने की धमकी दे देता है, वहीं एक ऐसा देश भी है जो अपने कर्मचारियों की भलाई को सबसे ऊपर रखता है. इस देश में अगर आप बीमार हो जाएं तो काम पर जाने की कोई टेंशन नहीं क्योंकि आपकी सैलरी फिर भी आती रहेगी! हम बात कर रहे हैं नीदरलैंड की, जो अपने कर्मचारियों को ‘सिक पे स्कीम’ के तहत दो साल तक 70% वेतन देने की सुविधा देता है.
यह नियम वहां के डच कानून का हिस्सा है और इसका मकसद है बीमार कर्मचारियों को बिना किसी वित्तीय दबाव के स्वस्थ होने का समय देना. इस स्कीम के तहत अगर कोई कर्मचारी बीमार होता है, तो वह दो साल तक घर पर आराम करते हुए भी अपनी सैलरी का एक बड़ा हिस्सा प्राप्त करता है.
पहले साल मिल सकती है पूरी सैलरी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई नीदरलैंड की कंपनियां पहले साल में कर्मचारियों को 100% वेतन भी देती हैं. इससे फर्क नहीं पड़ता कि कर्मचारी स्थायी (परमानेंट) है या अस्थायी (टेम्पररी) यह नियम सभी पर लागू होता है.
कुछ जरूरी शर्तें भी हैं
इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए कर्मचारियों को कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है. यहां बीमारी की जानकारी पहले दिन ही कंपनी को देनी होती है. कंपनी की ओर से भेजे गए डॉक्टर से चेकअप करवाना जरूरी होता है. कर्मचारी को इलाज और काम पर वापसी (रीइंटीग्रेशन) की प्रक्रिया में सहयोग करना पड़ता है. अगर कोई कर्मचारी इन शर्तों का पालन नहीं करता तो कंपनी उसकी सैलरी रोक भी सकती है.
कंपनी की भी होती है जिम्मेदारी
यह नियम सिर्फ कर्मचारी के लिए नहीं, बल्कि कंपनियों पर भी जिम्मेदारी डालता है कि वे बीमार कर्मचारी को काम पर वापस लाने के लिए सभी जरूरी उपाय करें. अगर कोई कर्मचारी दो साल बाद भी ठीक नहीं हो पाता, तो उस स्थिति में कंपनी की सैलरी देने की जिम्मेदारी समाप्त हो जाती है.
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