'...धर्मो रक्षति रक्षितः', Operation सिंदूर के बाद यह श्लोक कर रहा ट्रेंड, क्या आप जानते हैं इसका मतलब?

    Operation Sindoor: जब भारत पर हमला होता है, तब जवाब भी उसी तीव्रता से दिया जाता है—सटीक, संयमित और निर्णायक. 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देश में शोक और गुस्से का माहौल था.

    Dharmo Rakshati shlok trending on social media know what it means
    Image Source: Social Media

    Operation Sindoor: जब भारत पर हमला होता है, तब जवाब भी उसी तीव्रता से दिया जाता है—सटीक, संयमित और निर्णायक. 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देश में शोक और गुस्से का माहौल था. लेकिन भारत ने अपनी परंपरा के अनुसार, जवाब वक्त पर और असरदार तरीके से दिया. मंगलवार की रात 1:05 बजे भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए 9 बड़े अड्डों को ध्वस्त कर दिया. इस कार्रवाई ने न सिर्फ आतंक को मुंहतोड़ जवाब दिया, बल्कि एक गहरे सांस्कृतिक संदेश को भी जीवंत किया—‘धर्मो रक्षति रक्षितः’.

    ‘धर्मो रक्षति रक्षितः’: क्यों यह वाक्य बना राष्ट्रीय भावना का प्रतीक

    एयर स्ट्राइक के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर एक वाक्य छा गया—‘धर्मो रक्षति रक्षितः’. यह केवल एक श्लोक नहीं, बल्कि भारत की संस्कृति, मूल्य और न्याय के सिद्धांतों का प्रतिनिधित्व करता है. इसका शाब्दिक अर्थ है: “जो धर्म की रक्षा करता है, उसकी स्वयं धर्म रक्षा करता है.” यह संदेश भारत की सैन्य कार्रवाई के पीछे की आत्मा को दर्शाता है—आतंक का जवाब धर्म और न्याय के मार्ग से.

    यह श्लोक कहां से आया है?

    यह श्लोक मनुस्मृति और महाभारत के वनपर्व और अनुशासन पर्व में मिलता है: धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः. तस्माद्धर्मो न हन्तव्यो मा नो धर्मो हतोऽवधीत्. इसका भाव यह है कि अगर धर्म की हत्या की जाए, तो वह नष्ट हुआ धर्म अंततः हमें ही नष्ट कर देता है. जबकि यदि हम धर्म की रक्षा करें, तो वही धर्म हमें विपत्ति से बचाता है.


    माताओं के सिंदूर की रक्षा के लिए चला जवाबी वार

    इस साहसिक सैन्य कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया, जो न केवल पहलगाम में मारे गए निर्दोषों का बदला है, बल्कि उन महिलाओं के उजड़े सिंदूर का भी प्रतीकात्मक प्रतिशोध है जिनके पति और बेटे इस आतंकी हमले में मारे गए. भारतीय सेना ने बहावलपुर, मुरीदके, सियालकोट जैसे इलाकों में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिद्दीन के अड्डों को पूरी तरह तबाह कर दिया. इस ऑपरेशन में करीब 70 आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है, और पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश मिला है कि भारत आतंक के हर प्रायोजित प्रयास का जवाब अब “निंदा” से नहीं, “कार्रवाई” से देगा.

    धर्म और सैन्य ताकत का संगम

    यह एयर स्ट्राइक भारत की सैन्य ताकत भर नहीं, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा का भी प्रतीक है. भारत का यह रुख साफ करता है कि वह शांतिप्रिय जरूर है, लेकिन आत्मसम्मान और निर्दोषों की रक्षा के लिए निर्णायक कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा.
     

    यह भी पढ़ें: आतंकी मोर्चो के साथ शेयर मार्केट में भी ढेर हुआ पाकिस्तान, 6 हजार अंक गिरकर हुआ क्रैश