‘ऐसा लगा जैसे जमीन खिसक गई हो’, आधी रात को तुर्की में तबाही! जोरदार भूकंप से परिंदे भी थर्रा उठे

    सोते हुए लोग बिस्तर से उछल पड़े, दीवारें हिलने लगीं और अलार्म बजने से पहले ज़मीन कांप चुकी थी. तुर्की में सोमवार आधी रात के बाद अचानक ज़मीन इतनी ज़ोर से हिली कि लोगों में दहशत फैल गई.

    Destruction in Türkiye strong earthquake
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Pixabay

    सोते हुए लोग बिस्तर से उछल पड़े, दीवारें हिलने लगीं और अलार्म बजने से पहले ज़मीन कांप चुकी थी. तुर्की में सोमवार आधी रात के बाद अचानक ज़मीन इतनी ज़ोर से हिली कि लोगों में दहशत फैल गई. ग्रीस सीमा के पास 6.2 तीव्रता वाले भूकंप ने लोगों को नींद से जगा दिया और कई इलाकों में अफरा-तफरी मच गई.

    यूरोपियन-मेडिटेरेनियन सीस्मोलॉजिकल सेंटर (EMSC) के अनुसार, भूकंप का केंद्र डोडेकेनीज द्वीप समूह में था और यह 68 किलोमीटर गहराई में दर्ज किया गया. इसके झटके सिर्फ तुर्की ही नहीं, बल्कि मिस्र, सीरिया, ग्रीस और संयुक्त अरब अमीरात तक महसूस किए गए.

    घबराकर इमारतों से कूदे लोग, 69 घायल

    तुर्की के मर्मारिस शहर में तो हालात और ज़्यादा बिगड़े. यहां भूकंप की तीव्रता 5.8 मापी गई और जैसे ही ज़मीन कांपी, लोग बदहवास होकर इमारतों से कूद पड़े. मर्मारिस के गवर्नर इदरीस अकबीयिक ने जानकारी दी कि 69 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कई ने डर के कारण ऊंचाई से छलांग लगा दी.

    ‘ऐसा लगा जैसे ज़मीन खिसक गई हो’ 

    सोशल मीडिया पर कई लोगों ने अपने डरावने अनुभव साझा किए. एक यूज़र ने लिखा, “रात के 3 बजे आए 6.6 के भूकंप से नींद खुली, ऐसा लगा जैसे सबकुछ हिल रहा हो. हम ठीक हैं, लेकिन झटका बहुत तेज़ था.”

    लोग अब भी सदमे में

    अलर्ट पर हैं राहत-बचाव टीमें, आफ्टरशॉक्स का डर बना हुआ है. स्थानीय प्रशासन ने तुरंत स्थिति पर नियंत्रण की कोशिशें शुरू कर दी हैं. आपातकालीन टीमें आफ्टरशॉक्स से निपटने के लिए तैनात हैं, और मर्मारिस, रोड्स व अन्य प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है.

    भूकंप का ज़ोन

    ध्यान देने वाली बात है कि तुर्की भूकंप के लिहाज़ से बेहद संवेदनशील क्षेत्र में आता है. साल 2023 में तुर्की में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 53,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी. इस हादसे की यादें अभी धुंधली भी नहीं पड़ी थीं कि फिर से ज़मीन हिलने लगी.

    ये भी पढ़ेंः बारिश का तूफानी आगाज, मैदानी इलाके से पहाड़ तक बदल रहा मौसम का मिजाज; 16 राज्यों में बादलों का डेरा