Operation Sindoor: भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम की मिसाल बन चुका ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अब इतिहास की किताबों में दर्ज किए जाने की दिशा में बढ़ रहा है. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा किए गए इस साहसिक सैन्य अभियान ने दुनिया को दिखा दिया कि जब बात देश की सुरक्षा की हो, तो भारत कैसे मुंहतोड़ जवाब देता है. अब ऑपरेशन सिंदूर को मध्य प्रदेश में स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग जोर पकड़ रही है. खास बात यह है कि इस प्रस्ताव पर सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस दोनों में सहमति बन चुकी है.
"यह नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा है"
भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने इस मुद्दे पर स्पष्ट कहा कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है. उन्होंने कहा, "30 मिनट में आतंकियों के 9 कैंप तबाह करना सिर्फ एक ऑपरेशन नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए देशभक्ति का पाठ है. इसे स्कूल के सिलेबस में शामिल किया जाना जरूरी है."
कांग्रेस का समर्थन, लेकिन शर्त के साथ
वहीं, कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने भी इस कदम का समर्थन किया, लेकिन अपनी शर्त भी जोड़ दी. उन्होंने कहा कि "ऑपरेशन सिंदूर निस्संदेह एक ऐतिहासिक क्षण है और यदि इसे पाठ्यक्रम में शामिल किया जाता है तो हमें खुशी होगी." हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि कर्नल सोफिया कुरैशी जैसे नामों को भी सिलेबस में जगह मिलनी चाहिए, जिनकी वीरता और नेतृत्व को वह नजरअंदाज मानते हैं.
मदरसा शिक्षा में भी दिखेगा देशभक्ति का रंग
केवल सामान्य स्कूल ही नहीं, उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद ने भी बड़ा कदम उठाया है. परिषद के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने घोषणा की है कि राज्य के मदरसों में भी 'ऑपरेशन सिंदूर' को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा. उनके मुताबिक, यह कदम छात्रों में देशभक्ति की भावना जगाने के लिए उठाया गया है. उन्होंने कहा, "उत्तराखंड वीरों की भूमि है और यहां के हर छात्र को भारतीय सेना की बहादुरी से प्रेरित होना चाहिए."