Delhi Pollution: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं. बीते कई दिनों से एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) ‘गंभीर’ और ‘बहुत गंभीर’ श्रेणी में बना हुआ है, जिससे आम जनजीवन और स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा है. हालात को देखते हुए दिल्ली सरकार ने गुरुवार से कई अहम प्रतिबंध लागू कर दिए हैं, जो पहले से लागू GRAP-4 के अतिरिक्त हैं.
इन फैसलों का मकसद सड़कों पर वाहनों की संख्या घटाना, निर्माण से उठने वाली धूल को रोकना और प्रदूषण फैलाने वाले स्रोतों पर तत्काल नियंत्रण करना है.
आधे कर्मचारियों को घर से काम करने का आदेश
दिल्ली सरकार ने सरकारी और निजी, दोनों तरह के दफ्तरों के लिए 50 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम अनिवार्य कर दिया है. आदेश के तहत दिल्ली और एनसीआर में स्थित सभी कार्यालयों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके आधे से अधिक कर्मचारी एक साथ दफ्तर में मौजूद न हों. बाकी कर्मचारियों को घर से काम करना होगा.
हालांकि, यह आदेश जरूरी और आपातकालीन सेवाओं पर लागू नहीं होगा. अस्पताल, स्वास्थ्य सेवाएं, अग्निशमन विभाग, परिवहन, स्वच्छता सेवाएं और प्रदूषण नियंत्रण से जुड़े विभागों के कर्मचारी इस नियम से बाहर रखे गए हैं. सरकार ने स्पष्ट किया है कि आदेश का उल्लंघन करने वाले संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
निर्माण कार्यों पर पूरी तरह रोक
प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली में सभी तरह की निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है. सरकार का मानना है कि निर्माण कार्यों से उठने वाली धूल प्रदूषण को और गंभीर बना रही है.
इस फैसले से प्रभावित होने वाले निर्माण श्रमिकों को आर्थिक राहत देने का भी एलान किया गया है. GRAP-4 जितने दिनों तक लागू रहेगा, उतने दिनों के लिए पंजीकृत निर्माण मजदूरों को ₹10,000 की सहायता राशि दी जाएगी. इसके लिए श्रमिकों का पंजीकरण जारी है.
बिना पीयूसी अब नहीं मिलेगा पेट्रोल या डीजल
दिल्ली में गुरुवार से “नो PUC, नो फ्यूल” नियम सख्ती से लागू कर दिया गया है. अब किसी भी वाहन को वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र यानी PUC के बिना पेट्रोल या डीजल नहीं दिया जाएगा.
सरकार के फैसले के बाद शहर के कई पेट्रोल पंपों पर देर रात से ही वाहनों की लंबी कतारें देखी गईं. नियम के सख्त पालन के लिए पेट्रोल पंपों पर ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग के कर्मियों को तैनात किया गया है.
PUC सर्टिफिकेट अधिकृत केंद्रों पर वाहनों की उत्सर्जन जांच के बाद जारी किया जाता है. यह प्रमाणपत्र दो और तीन पहिया वाहनों के लिए कम शुल्क में और चार पहिया व डीजल वाहनों के लिए निर्धारित दर पर जारी किया जाता है, जिसकी वैधता आमतौर पर 12 महीने होती है.
निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों की एंट्री बंद
दिल्ली सरकार ने निर्माण सामग्री ले जाने वाले ट्रकों और भारी वाहनों की राजधानी में एंट्री पर भी रोक लगा दी है. रेत, बजरी, सीमेंट और अन्य कंस्ट्रक्शन मटीरियल लेकर आने वाले वाहनों को अब दिल्ली में प्रवेश नहीं मिलेगा.
सरकार ने दिल्ली के बाहर से आने वाले वाहन चालकों से अपील की है कि केवल भारत स्टेज-6 (BS-6) उत्सर्जन मानकों का पालन करने वाले वाहनों का ही इस्तेमाल करें.
BS-6 से नीचे के वाहनों पर सख्त प्रतिबंध
प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए BS-6 मानकों से नीचे के सभी वाहन, खासतौर पर दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड वाहन, GRAP-3 और GRAP-4 के दौरान शहर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे. नियम तोड़ने पर भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.
बॉर्डर और पेट्रोल पंपों पर बढ़ाई गई निगरानी
सरकार ने इन प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करने के लिए पूरी तैयारी की है. दिल्ली के सभी प्रमुख प्रवेश द्वारों पर ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीमें तैनात की गई हैं. कुंडली, टिकरी, रजोकरी, कापसहेड़ा, कालिंदी कुंज, आया नगर और द्वारका एक्सप्रेसवे जैसे इलाकों में विशेष निगरानी रखी जा रही है.
इसके अलावा पेट्रोल पंपों पर भी पुलिस बल मौजूद रहेगा ताकि बिना PUC वाले वाहनों को ईंधन न दिया जा सके.