नई दिल्ली: राजधानी में शराब खरीदने का तरीका अगले साल से पूरी तरह बदल सकता है. दिल्ली सरकार ने शराब नीति को आधुनिक बनाने और ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाने की दिशा में नया कदम उठाया है. मंत्री प्रवेश वर्मा की अध्यक्षता में गठित समिति ने नई शराब नीति का मसौदा तैयार किया है और इसे मुख्यमंत्री कार्यालय को स्वीकृति के लिए भेजा गया है.
नई नीति का मुख्य उद्देश्य शराब की बिक्री पर नियंत्रण बनाए रखना, सरकारी आउटलेट्स की संख्या और गुणवत्ता बढ़ाना तथा प्रीमियम और आधुनिक शराब दुकानों के लिए मानक स्थापित करना है.
निजी कंपनियों को नहीं मिलेगा लाइसेंस
नई नीति में साफ तौर पर कहा गया है कि राजधानी में शराब की बिक्री केवल सरकारी एजेंसियों द्वारा की जाएगी. वर्तमान में दिल्ली में शराब की बिक्री चार सरकारी एजेंसियों- DSIIDC, DTTDC, DSCSC और DCCWS के माध्यम से होती है.
सरकार ने यह भी तय किया है कि प्राइवेट खिलाड़ियों को अब शराब रिटेल का लाइसेंस नहीं मिलेगा. इसका उद्देश्य बिक्री की निगरानी और गुणवत्ता सुनिश्चित करना है. नई नीति के अनुसार शराब खरीदने की उम्र में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
प्रीमियम आउटलेट्स की संख्या में वृद्धि
नई नीति के तहत दिल्ली में प्रीमियम शराब की दुकानों की संख्या बढ़ाई जाएगी. ये दुकानें मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और मेट्रो स्टेशन परिसरों में भी खोली जा सकेंगी.
प्रीमियम आउटलेट्स का उद्देश्य ग्राहकों को आधुनिक और सुव्यवस्थित खरीदारी का अनुभव देना है. इन दुकानों में शराब ब्रांड के अनुसार व्यवस्थित होगी, डिस्प्ले आधुनिक होगा और डिजिटल कैटलॉग जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हो सकती हैं.
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि प्रीमियम आउटलेट्स में ग्राहक ब्रांड और कीमत के आधार पर चयन कर सकेंगे, जिससे शराब खरीदने का अनुभव मॉल में अन्य उत्पाद खरीदने जैसा होगा.
नई नीति में प्रतिबंध और नियम
नई नीति में कुछ जगहों पर शराब की दुकानों को खोलने पर प्रतिबंध भी रखा गया है:
स्रोतों का कहना है कि ये नियम सामाजिक जिम्मेदारी और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बनाए गए हैं.
कमीशन और कीमतों में बदलाव की सिफारिश
नई नीति में शराब के प्रति बोतल मिलने वाले कमीशन को बढ़ाने की सिफारिश की गई है. वर्तमान में प्रत्येक बोतल पर 50 रुपये का कमीशन मिलता है. नई सिफारिश के अनुसार यह राशि बढ़ाई जाएगी.
कमीशन बढ़ने से प्रीमियम ब्रांड की संख्या और गुणवत्ता बढ़ाने में मदद मिलेगी, हालांकि इसके कारण शराब की कीमतों पर भी असर पड़ सकता है.
मॉल और मेट्रो परिसर में किराए का असर
मेट्रो स्टेशनों और मॉल परिसर में प्रीमियम शराब की दुकानों के लिए किराया बढ़ सकता है. अधिकारियों का कहना है कि किराया और कमीशन बढ़ने से आउटलेट्स को प्रीमियम सुविधाओं के साथ संचालित करना आसान होगा. इससे ग्राहक अनुभव में सुधार और प्रीमियम ब्रांड की संख्या में वृद्धि होगी.
दिल्ली में वर्तमान स्थिति
वर्तमान में दिल्ली में 794 से अधिक सरकारी शराब आउटलेट्स हैं. ये सभी DSIIDC, DTTDC, DSCSC और DCCWS के तहत संचालित होते हैं. नई नीति लागू होने के बाद इन दुकानों को मॉडर्न और सुविधाजनक बनाने पर जोर दिया जाएगा.
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि नई नीति का उद्देश्य केवल बिक्री बढ़ाना नहीं है, बल्कि शराब खरीदने के अनुभव को सुरक्षित, व्यवस्थित और प्रीमियम बनाना है.
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