प्रदूषण उड़ा रहा फेफड़ों की धज्जियां, जहरीली हवा में सांस लेकर रोज कितनी सिगरेट पी रहे दिल्ली वाले?

    Delhi NCR Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का संकट अब एक गंभीर स्वास्थ्य खतरे के रूप में सामने आ रहा है. विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं की चेतावनियों के अनुसार, इस प्रदूषण का असर इतना गंभीर है कि यह सीधे तौर पर लोगों के फेफड़ों, हृदय और संपूर्ण शारीरिक तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है.

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    Delhi NCR Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का संकट अब एक गंभीर स्वास्थ्य खतरे के रूप में सामने आ रहा है. विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं की चेतावनियों के अनुसार, इस प्रदूषण का असर इतना गंभीर है कि यह सीधे तौर पर लोगों के फेफड़ों, हृदय और संपूर्ण शारीरिक तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है. हाल ही में आई रिपोर्ट्स और आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि हवा में मौजूद प्रदूषक तत्व, खासकर PM2.5, लोगों की सेहत पर सिगरेट के समान असर डाल रहे हैं.

    दिल्ली-एनसीआर में PM2.5 का खतरनाक स्तर

    15 दिसंबर को बर्कले अर्थ द्वारा किए गए अध्ययन में वायु प्रदूषण के आंकड़े बेहद चिंताजनक सामने आए हैं. ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद, गुरुग्राम, और दिल्ली सहित एनसीआर के अन्य प्रमुख शहरों में PM2.5 का स्तर बेहद उच्च था. इस स्तर पर सांस लेना न केवल अस्वस्थ है, बल्कि यह हानिकारक प्रदूषण के प्रभाव के बराबर है. बर्कले अर्थ के अनुसार, 22 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर PM2.5 स्तर पर सांस लेना किसी व्यक्ति के लिए एक सिगरेट पीने के समान होता है.

    एनसीआर में PM2.5 के आंकड़े और उनकी गंभीरता

    इस रिपोर्ट के अनुसार, ग्रेटर नोएडा में PM2.5 का स्तर 266 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया, जो रोजाना लगभग 12.1 सिगरेट पीने के बराबर है. वहीं फरीदाबाद में यह 218 (9.9 सिगरेट), गुरुग्राम में 200 (9.1 सिगरेट), दिल्ली में 198 (9 सिगरेट), नोएडा में 187 (8.5 सिगरेट) और गाजियाबाद में 179 (8.1 सिगरेट) माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा. यह आंकड़े दिखाते हैं कि लोग बिना सिगरेट के भी इन प्रदूषण स्तरों का सामना कर रहे हैं, जिससे उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दिन-प्रतिदिन खराब हो रहा है.

    फेफड़ों और हृदय पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव

    इस तरह के प्रदूषण का असर सीधे तौर पर फेफड़ों और हृदय पर पड़ता है. PM2.5 कण इतने छोटे होते हैं कि यह सीधे फेफड़ों में प्रवेश कर जाते हैं और अंदर गहराई से जमा हो सकते हैं. लंबे समय तक इन कणों का शरीर पर असर बेहद गंभीर हो सकता है, जैसे हृदय रोग, स्ट्रोक, अस्थमा, और फेफड़ों के कैंसर का खतरा.

    विशेषज्ञों की सलाह और सुरक्षा उपाय

    वायु प्रदूषण से बचने के लिए विशेषज्ञों ने कुछ सुरक्षा उपाय सुझाए हैं. सबसे महत्वपूर्ण सलाह यह है कि बाहर निकलते समय N95 मास्क का उपयोग जरूर करें. साथ ही, यदि संभव हो तो बाहर जाने से बचें और घर के अंदर रहकर सुरक्षा बरतें. विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को प्रदूषण से बचाने के लिए उन्हें घर के अंदर ही रखें. इसके अलावा, ए AQI.IN से प्राप्त डेटा के अनुसार, दिल्ली में PM2.5 का स्तर लगातार 400 के पार बना हुआ है, जो सीधे स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर संकट उत्पन्न कर रहा है.

    PM2.5 क्यों है सबसे खतरनाक?

    PM2.5, वायु में मौजूद सबसे छोटे कण होते हैं, जिनका आकार इतना सूक्ष्म होता है कि ये सीधे फेफड़ों में प्रवेश कर जाते हैं. इन कणों का शरीर में जमना, न केवल सांस लेने में समस्या उत्पन्न करता है, बल्कि यह समय के साथ दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं भी उत्पन्न कर सकता है. जब यह कण फेफड़ों में घुलकर रक्त में मिल जाते हैं, तो यह हृदय, दिमाग और शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकते हैं. 

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