Delhi News: दिल्ली सरकार ने कांवड़ यात्रा के आयोजन को और अधिक पारदर्शी और सरल बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में कैबिनेट ने कांवड़ कमेटियों को सीधे बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से सहायता देने की योजना को मंजूरी दी है. इससे पहले की सरकारों में जहां भ्रष्टाचार और देरी के कारण सहायता कमेटियों तक सही तरीके से नहीं पहुंच पाती थी, वहीं अब इस व्यवस्था से कांवड़ यात्रियों को सीधा और समय पर लाभ मिलेगा.
बिना टेंडर प्रक्रिया के मिलेगा फंड
पिछली सरकारों में कांवड़ यात्रा के लिए आवंटित करोड़ों रुपए का गलत उपयोग होता था, जिसका सीधा असर आयोजनों की गुणवत्ता और यात्रियों के अनुभव पर पड़ता था. मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि अब कोई टेंडर प्रक्रिया नहीं होगी, जिससे भ्रष्टाचार की जड़ें खत्म होंगी. रजिस्ट्रर्ड कांवड़ समितियां सीधे आवेदन देकर सहायता पा सकेंगी. इस प्रक्रिया को ‘सिंगल विंडो सिस्टम’ के जरिए सरल और पारदर्शी बनाया जाएगा.
आसान रजिस्ट्रेशन और शीघ्र भुगतान की सुविधा
इस योजना के तहत कांवड़ कमेटियों के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया बेहद आसान कर दी गई है. 30 जुलाई तक सभी समितियों को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा. सहायता राशि चार श्रेणियों में बांटी जाएगी, जिसमें न्यूनतम ₹50,000 से लेकर अधिकतम ₹10 लाख तक की रकम सीधे खाते में ट्रांसफर की जाएगी. भुगतान 50% पहले और 50% तय समय के बाद किया जाएगा, ताकि योजना सुचारू रूप से चल सके.
कांवड़ यात्रा के लिए विशेष सुविधाएं
इस बार दिल्ली सरकार ने कांवड़ यात्रियों और समितियों की मदद के लिए 1200 यूनिट बिजली का खर्च भी वहन करने का ऐलान किया है. इसके साथ ही बिजली की निगरानी एसडीएम द्वारा की जाएगी, जो जियो टैगिंग के माध्यम से पूरी प्रक्रिया पर नजर रखेंगे. यह कदम यात्रा को और भी सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए उठाया गया है.
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि कांवड़ यात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि समाज के सभी वर्गों की भागीदारी का प्रतीक है. दिल्ली सरकार स्वयं बॉर्डर पर जाकर यात्रियों का स्वागत करेगी और उन्हें हर संभव मदद मुहैया कराएगी. इस बार सरकार की सहायता से 170 से अधिक समितियां लाभान्वित होंगी, जो पिछले वर्षों से कई गुना अधिक है.
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