Delhi News: दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री रविन्द्र इंद्राज सिंह ने बुधवार (9 जुलाई) को नशामुक्ति अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. उन्होंने पूर्वी दिल्ली में आयोजित एक समीक्षा बैठक के दौरान स्कूलों और कॉलेजों के 100 मीटर दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है. यह फैसला दिल्ली में बढ़ते नशे के मामलों को नियंत्रित करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है.
तंबाकू बिक्री पर पूरी रोक का आदेश
बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों, जैसे जिला मजिस्ट्रेट, पुलिस, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, समाज कल्याण विभाग और एनजीओ प्रतिनिधियों ने भी अपनी राय दी. मंत्री ने कहा कि युवाओं को नशे की लत से बचाना हमारी प्राथमिकता है, और इस उद्देश्य के लिए स्कूलों और कॉलेजों के आसपास तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाना जरूरी है. उन्होंने पुलिस और शैक्षणिक संस्थाओं को इसे लागू करने में सक्रिय सहयोग की अपील की.
नशे के अड्डों पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश
समीक्षा बैठक के दौरान, मंत्री ने नशे की लत पर काबू पाने के लिए अन्य सख्त कदम उठाने की योजना भी साझा की. उन्होंने डार्क स्पॉट्स, पार्कों, और सार्वजनिक शौचालयों में निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए, जहां नशे का सेवन करने की संभावना अधिक होती है. इसके अलावा, उन्होंने मेडिकल स्टोर्स और अन्य स्थानों पर नशे के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाओं की बिक्री पर भी कड़ी नजर रखने का आदेश दिया.
नशा मुक्त विश्वविद्यालयों का निर्माण
मंत्री ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालयों में ड्रग-फ्री जोन बनाने के लिए सभी प्रमुख विश्वविद्यालयों से आग्रह किया गया है. उन्होंने विश्वविद्यालयों को नशा मुक्ति क्लब बनाने और कैम्पस को ड्रग-फ्री घोषित करने का सुझाव दिया. साथ ही, स्कूलों में एक नोडल अधिकारी को नियुक्त करने और छात्रों को नशे के खतरों के बारे में जागरूक करने की योजना पर भी विचार किया गया.
जागरूकता अभियान और नई योजनाएं
बैठक में मंत्री ने नए डिएडिक्शन सेंटर खोलने, स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू करने और पार्कों में ओपन जिम की शुरुआत जैसी योजनाओं पर भी चर्चा की. उन्होंने विशेष रूप से अभिभावकों को बच्चों में नशे के लक्षण पहचानने के लिए जागरूक करने पर जोर दिया. रविन्द्र इंद्राज सिंह ने कहा, "नशा केवल एक सामाजिक समस्या नहीं, बल्कि यह हमारे युवाओं के भविष्य का सवाल है. हम इसे रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे."
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