नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक अभियान की तैयारी, अक्टूबर से होगा ‘मरो या आत्मसमर्पण करो’ ऑपरेशन तेज

    Chhattisgarh News: बरसात के मौसम के थमते ही छत्तीसगढ़ और उससे लगे माओवादी प्रभावित राज्यों में अब निर्णायक कार्रवाई की तैयारी पूरी कर ली गई है. अक्टूबर महीने से माओवाद के खिलाफ ‘मरो या आत्मसमर्पण करो’ अभियान को तेज़ गति दी जाएगी.

    decisive campaign against Naxalites Die or Surrender operation from October
    Image Source: ANI/ File

    Chhattisgarh News: बरसात के मौसम के थमते ही छत्तीसगढ़ और उससे लगे माओवादी प्रभावित राज्यों में अब निर्णायक कार्रवाई की तैयारी पूरी कर ली गई है. अक्टूबर महीने से माओवाद के खिलाफ ‘मरो या आत्मसमर्पण करो’ अभियान को तेज़ गति दी जाएगी. सरकार की मंशा साफ है, अब माओवाद के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी.

    हाल में खुफिया एजेंसियों से यह जानकारी सामने आई है कि बस्तर इलाके में अभी भी 1,500 से अधिक सक्रिय माओवादी मौजूद हैं. इनकी धरपकड़ और सफाए के लिए अब बहुस्तरीय रणनीति अपनाई जा रही है.

    अमित शाह ने दो टूक शब्दों में कही बात

    हाल ही में दिल्ली में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट कहा कि "अब सरकार तब तक चैन से नहीं बैठेगी जब तक माओवादी या तो आत्मसमर्पण नहीं कर देते या फिर समाप्त नहीं कर दिए जाते." नवा रायपुर में शुक्रवार को माओवादी प्रभावित राज्यों के शीर्ष पुलिस अधिकारियों की रणनीतिक बैठक में इस निर्देश को क्रियान्वित करने पर विशेष जोर दिया गया.

    2023 से अब तक 453 माओवादी मारे गए

    खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, माओवादी संगठनों में नई भर्तियों पर लगभग विराम लग चुका है. अब उनका आधार धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है. इस बीच, दिसंबर 2023 के बाद से सुरक्षाबलों ने 453 माओवादियों को मुठभेड़ में मार गिराया है. गांव-स्तर पर विशेष अभियान चलाकर बचे हुए माओवादियों को मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश भी की जाएगी.

    चार राज्यों के अधिकारी रणनीति बनाने जुटे

    नवा रायपुर में हुई बैठक में छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश और तेलंगाना के शीर्ष पुलिस अधिकारी शामिल हुए. इसके साथ ही सीआरपीएफ, बीएसएफ और आईटीबीपी जैसे अर्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में मौजूद रहे. बैठक में मुख्य रूप से सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सशक्त करने और सूचना तंत्र को मज़बूत करने पर ज़ोर दिया गया.

    अबूझमाड़ में महिला माओवादी ढेर

    शुक्रवार को अबूझमाड़ के जंगलों में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई. दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले की संयुक्त कार्रवाई के दौरान एक महिला माओवादी मारी गई. एसपी राबिन्सन गुरिया ने बताया कि करीब तीन घंटे चली मुठभेड़ के बाद महिला का शव और हथियार बरामद किए गए.

    निर्णायक मोड़ पर पहुंचा संघर्ष

    माओवाद अब उस मोड़ पर पहुंच चुका है जहां ‘या तो आत्मसमर्पण या फिर अंतिम संघर्ष’ की स्थिति बन चुकी है. सरकार की मंशा स्पष्ट है—अब माओवादी संगठनों के लिए भारत की ज़मीन पर कोई जगह नहीं बची है.

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