पीएम मोदी-राजनाथ सिंह की बैठक के बीच साइन हो गई 26 राफेल मरीन की डील, शहबाज की सिट्टी-पिट्टी गुम!

    भारत ने अपनी नौसैनिक ताकत को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सोमवार को फ्रांस के साथ 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए ऐतिहासिक डील पर हस्ताक्षर किए. रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने भारत की ओर से इस समझौते पर हस्ताक्षर किए.

    Deal of 26 Rafale Marines was signed during the meeting between PM Modi and Rajnath Singh
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    नई दिल्ली: भारत ने अपनी नौसैनिक ताकत को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सोमवार को फ्रांस के साथ 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए ऐतिहासिक डील पर हस्ताक्षर किए. रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने भारत की ओर से इस समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस डील की कुल लागत लगभग 63,000 करोड़ रुपए बताई जा रही है, जो फ्रांस के साथ अब तक की सबसे बड़ी रक्षा खरीद में से एक है.

    सौदे की प्रमुख बातें:

    • भारत 22 सिंगल सीटर और 4 डबल सीटर राफेल मरीन विमान खरीदेगा.
    • ये विमान परमाणु हथियार ले जाने और दागने की क्षमता से लैस होंगे.
    • इस समझौते को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने 23 अप्रैल को मंजूरी दी थी.
    • डिलीवरी का सिलसिला 2028-29 से शुरू होकर 2031-32 तक पूरा होगा.

    INS विक्रांत पर तैनात होंगे

    नए राफेल मरीन विमानों को भारत के स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत पर तैनात किया जाएगा. दसॉ एविएशन द्वारा बनाए गए इन विमानों को भारतीय नौसेना की विशिष्ट जरूरतों के अनुसार अनुकूलित किया गया है.

    इनमें अत्याधुनिक एंटी-शिप स्ट्राइक क्षमताएं, परमाणु हथियार लॉन्च करने की सुविधा, विस्तारित मिशन रिकॉर्डिंग, और उच्च स्तर की समुद्री परिचालन क्षमता शामिल है. फ्रांस, भारत को इसके साथ आवश्यक हथियार प्रणाली, स्पेयर पार्ट्स और सपोर्ट टूल्स भी प्रदान करेगा.

    तकनीकी दक्षता और सामरिक बढ़त

    राफेल मरीन या राफेल-एम को विशेष रूप से नौसैनिक अभियानों के लिए डिजाइन किया गया है. इसकी खासियतें:

    लंबाई: 50.1 फीट 
    अधिकतम वजन: 15,000 किग्रा
    फ्यूल कैपेसिटी: 11,202 किग्रा
    ऑपरेशनल ऊंचाई: 52,000 फीट तक
    उड़ान रफ्तार: 2205 किमी/घंटा

    • एक मिनट में 18,000 मीटर ऊंचाई तक पहुंचने की क्षमता
    • फोल्डिंग विंग्स के साथ विमान वाहक पोतों पर सहज संचालन
    • 30mm ऑटो कैनन गन और 14 हार्डप्वाइंट्स से लैस
    • हवा में ही रीफ्यूलिंग क्षमता, जिससे रेंज और मिशन समय बढ़ता है
    • समुद्री निगरानी और पनडुब्बी रोधी अभियानों के लिए उन्नत रडार सिस्टम

    राफेल-एम की क्षमता

    राफेल-एम विमानों को शक्तिशाली हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस किया जाएगा. इनमें एंटी-शिप मिसाइलें और विशेष पनडुब्बी खोजी उपकरण भी शामिल हैं, जो समुद्री ऑपरेशनों में भारत को रणनीतिक बढ़त देंगे.

    भारतीय नौसेना को मिलेगा नया बल

    वर्तमान में भारतीय नौसेना के पास दो विमानवाहक पोत — INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत — हैं, जिन पर पुराने मिग-29के फाइटर जेट्स तैनात हैं. राफेल-एम की तैनाती से इन पोतों की मारक क्षमता और संचालन कुशलता में जबरदस्त इजाफा होगा. इससे भारत को हिंद महासागर क्षेत्र में अपने समुद्री हितों की सुरक्षा करने में निर्णायक बढ़त मिलेगी.

    वायुसेना के लिए भी खरीदे थे राफेल

    गौरतलब है कि भारत पहले भी 2016 में फ्रांस से 36 राफेल फाइटर जेट वायुसेना के लिए खरीद चुका है. 58,000 करोड़ रुपए की इस डील के तहत सभी विमान 2022 तक भारत पहुंच चुके हैं और अंबाला तथा हाशिमारा एयरबेस से संचालित किए जा रहे हैं. राफेल मरीन का संस्करण वायुसेना संस्करण से और भी अधिक उन्नत तकनीक से लैस है, जिसे विशेष रूप से नौसैनिक अभियानों के लिए तैयार किया गया है.

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