पहलगाम हमले की जांच में कई खुलासे, अटैक के बाद पुलवामा की ओर भागे आतंकी, क्रिप्टोकरेंसी से हुई फंडिंग

    पहलगाम आतंकी हमले के एक सप्ताह बाद, जांच एजेंसियों की प्रारंभिक रिपोर्ट में हमले की गहरी और सुनियोजित साजिश का खुलासा हुआ है. शुरुआती जांच के अनुसार, आतंकी हमले से ठीक पांच दिन पहले बैसरन घाटी के ऊपर एक चीनी ड्रोन उड़ता देखा गया था.

    terrorists fled towards Pulwama after the Pahalgam attack funding was done through cryptocurrency
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले के एक सप्ताह बाद, जांच एजेंसियों की प्रारंभिक रिपोर्ट में हमले की गहरी और सुनियोजित साजिश का खुलासा हुआ है. शुरुआती जांच के अनुसार, आतंकी हमले से ठीक पांच दिन पहले बैसरन घाटी के ऊपर एक चीनी ड्रोन उड़ता देखा गया था. साथ ही घोड़ेवालों के माध्यम से जमीनी रेकी कराए जाने की भी आशंका जताई गई है.

    प्राइमरी जांच में हुए खुलासे

    ड्रोन से इलाके की निगरानी: बैसरन घाटी पर हमले से कुछ दिन पहले एक अनजान ड्रोन को उड़ते हुए देखा गया था. एजेंसियों का मानना है कि इसका उद्देश्य भीड़भाड़ का विश्लेषण और संभावित टारगेट की पहचान करना था.

    ISRO की मदद से जांच: इसरो के सहयोग से यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या हमले से पहले इलाके में असामान्य रेडियो सिग्नल्स एक्टिविटी दर्ज हुई थी.

    स्थानीय नेटवर्क का इस्तेमाल: आतंकियों ने घोड़े वालों को धन देकर इलाके की रेकी करवाई. साथ ही स्थानीय वेशभूषा और नकली पहचान पत्रों का उपयोग कर पर्यटकों में घुलने-मिलने का प्रयास किया.

    हमले के बाद पलायन: हमला करने के बाद आतंकी बैसरन से आरू-नगबल के ऊपरी जंगलों में छिपते हुए पुलवामा और अनंतनाग की ओर बढ़ गए. जांच में इन रास्तों पर संदिग्ध गतिविधियां पाई गई हैं.

    पाकिस्तान का आतंकी नेटवर्क

    अत्याधुनिक हथियारों की बरामदगी: घटनास्थल से AK-47, M4A-1 कार्बाइन और HK-416 जैसी उन्नत राइफल्स के खोखे बरामद हुए हैं. इन हथियारों का संबंध या तो पाकिस्तानी सेना के स्टॉक से है या अफगान तालिबान से.

    क्रिप्टोकरेंसी के जरिए फंडिंग: आतंकियों को मिलने वाली लगभग 60% वित्तीय मदद क्रिप्टोकरेंसी, विशेषकर बिटकॉइन के माध्यम से हो रही है. फंडिंग के नेटवर्क दुबई, मलेशिया और तुर्की तक फैले पाए गए हैं.

    ISI का गुप्त ऑपरेशन: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI, नियंत्रण रेखा (LoC) के पार पांच सक्रिय लॉन्चपैड्स पर आतंकियों की गतिविधियों की निगरानी कर रही है. इसकी पुष्टि संचार इंटरसेप्शन और सैटेलाइट इमेजिंग के माध्यम से हुई है.

    छोटे आतंकी प्रशिक्षण केंद्र: बड़े प्रशिक्षण कैंपों को बंद दिखाकर पाकिस्तान अब छोटे, मोबाइल कैंप चला रहा है, जिन्हें सैटेलाइट से पहचानना मुश्किल है.

    NIA की कार्रवाई

    राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जम्मू में इस आतंकी हमले को लेकर केस दर्ज कर लिया है. NIA की टीमों ने महाराष्ट्र, ओडिशा और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में जाकर पीड़ितों के परिजनों के बयान दर्ज किए हैं.

    इसके अलावा, सुरक्षाबलों ने घाटी में पिछले तीन दिनों में 10 आतंकियों के घरों को विस्फोट कर ध्वस्त कर दिया है. साथ ही, बीते दो दिनों में 272 पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने पर मजबूर किया गया है. वहीं, 13 राजनयिक अधिकारियों समेत कुल 629 भारतीय नागरिक पाकिस्तान से वापस लौटे हैं.

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