लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में साइबर ठगी का एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें ठगों ने सीधे पुलिस मुख्यालय में तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी को अपना शिकार बनाया. इस बार ठगों ने पुलिस अधीक्षक (मानवाधिकार) मोहम्मद तारिक को निशाना बना लिया और उनके बैंक खाते से 46 हजार रुपये से अधिक की राशि उड़ा ली. इस घटना ने एक बार फिर साइबर सुरक्षा की खामियों को उजागर किया है.
साइबर ठगों ने बनाया पुलिस अधिकारी को निशाना
यह घटना 12 जुलाई को हुई, जब मोहम्मद तारिक को एक एसएमएस मिला था, जो एसबीआई रिवार्ड प्वाइंट से जुड़ा हुआ था. मैसेज में दिए गए लिंक पर क्लिक करते ही वह एक नकली वेबसाइट पर पहुंच गए, जो योनो एसबीआई ऐप जैसा दिख रहा था. इस वेबसाइट पर उन्होंने अपनी यूजर आईडी, पासवर्ड और मोबाइल नंबर दर्ज किए, जिसके बाद उनके खाते से 46,459 रुपये की राशि गायब हो गई.
तुरंत कार्रवाई और शिकायत
साइबर ठगी का आभास होते ही मोहम्मद तारिक ने तुरंत SBI हेल्पलाइन और 1930 साइबर हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर शिकायत दर्ज करवाई और अपना बैंक खाता ब्लॉक करवा लिया. इसके बाद उन्होंने पीजीआई थाने में लिखित तहरीर दी और एफआईआर दर्ज करवाई. उनका कहना था कि साइबर ठगों ने एक फर्जी लिंक के जरिए उनके बैंक क्रेडेंशियल्स चुराए और धोखाधड़ी की.
लोगों को सतर्क रहने की सलाह
यह घटना एक गंभीर चेतावनी है कि साइबर ठग अब केवल आम जनता को ही नहीं, बल्कि पुलिस अधिकारियों को भी निशाना बना रहे हैं. मोहम्मद तारिक ने इस मामले की सूचना पुलिस अधीक्षक, साइबर क्राइम, उत्तर प्रदेश को भी भेजी है. इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि साइबर अपराधियों से कोई भी सुरक्षित नहीं है. लोगों को अनजान लिंक पर क्लिक करने से पहले सावधान रहने और बैंकिंग जानकारी साझा करने से पहले वेबसाइट की वैधता की जांच करने की अपील की गई है.
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