फर्जी क्राइम ब्रांच अफसर बनकर ‘पोर्न वीडियो’ का डर दिखाया, लाखों की वसूली… गिरफ्त में 4 जालसाज़

    Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां साइबर ठगों ने आम लोगों को ‘पोर्न वीडियो देखने’ का झूठा आरोप लगाकर धमकाया और उनसे पैसे ऐंठ लिए थे.

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    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां साइबर ठगों ने आम लोगों को ‘पोर्न वीडियो देखने’ का झूठा आरोप लगाकर धमकाया और उनसे पैसे ऐंठ लिए थे. ये आरोपी खुद को क्राइम ब्रांच अधिकारी बताकर अंजान नंबरों से कॉल करते और कहते कि उनके इंटरनेट से आपत्तिजनक कंटेंट देखा जा रहा है, जिससे उन्हें जल्द ही जेल भेजा जाएगा. इस डर का फायदा उठाकर आरोपी पीड़ितों से मोटी रकम वसूलते थे.

    ऐसे हुआ गिरोह का भंडाफोड़

    शिकायतों की बाढ़ तब आई जब एनसीआरपी पोर्टल पर दर्जनों लोगों ने इसी तरह की ठगी की जानकारी दी. मामला गंभीर होते देख कानपुर साइबर क्राइम टीम ने जांच शुरू की. सर्विलांस की मदद से छह लोगों को चिह्नित किया गया, जिनमें से चार को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस का दावा है कि जल्द ही बाकी दो आरोपियों को भी पकड़ लिया जाएगा.

    डीसीपी क्राइम कासिम आब्दी के मुताबिक, इस गिरोह के मास्टरमाइंड का नाम शिवम वर्मा है. इनके खिलाफ 66 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई थीं. आरोपी अल्पशिक्षित हैं—कुछ सिर्फ कक्षा 6 या 7 तक पढ़े हुए—लेकिन इनकी ठगी के तरीके इतने चतुर थे कि पढ़े-लिखे लोग भी इनके जाल में फंस जाते थे. आरोपी पीड़ित को फोन कर कहते, "आपके इंटरनेट से पोर्न देखा गया है, मामला दर्ज हो चुका है, अब जेल जाना पड़ेगा. अगर बचना है तो ‘सुलह शुल्क’ दीजिए." डर के मारे लोग खुद ही पैसे ट्रांसफर कर देते थे.

    सोशल इंजीनियरिंग का खतरनाक उदाहरण

    यह मामला दिखाता है कि कैसे सोशल इंजीनियरिंग का इस्तेमाल कर ठग लोगों की भावनाओं और डर को भुनाते हैं. पुलिस लगातार अपील कर रही है कि कोई भी व्यक्ति इस तरह के फोन कॉल से डरें नहीं और तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं. 

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