वीडियो कॉल पर जज-अफसर बनकर ठगने वालों की अब खैर नहीं, MP साइबर पुलिस ने खोजा स्मार्ट तोड़

    MP News: अगर आप कभी ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं और हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करने की मशक्कत झेल चुके हैं, तो आपके लिए यह खबर राहत की सांस लेकर आई है. मध्य प्रदेश साइबर पुलिस ने साइबर अपराध के पीड़ितों को त्वरित सहायता देने के लिए एक नई और प्रभावी व्यवस्था लागू की है.

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    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    MP News: अगर आप कभी ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं और हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करने की मशक्कत झेल चुके हैं, तो आपके लिए यह खबर राहत की सांस लेकर आई है. मध्य प्रदेश साइबर पुलिस ने साइबर अपराध के पीड़ितों को त्वरित सहायता देने के लिए एक नई और प्रभावी व्यवस्था लागू की है. अब शिकायत दर्ज कराने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा, बल्कि पुलिस खुद आपको कॉल करेगी.

    अब पुलिस करेगी रिटर्न कॉल

    नए सिस्टम के तहत जैसे ही कोई व्यक्ति 1930 पर कॉल करता है, उसकी शिकायत का एक इवेंट तुरंत दर्ज होता है. इसके बाद संबंधित जोनल आउटबाउंड कॉल सेंटर से 5 मिनट के भीतर रिटर्न कॉल किया जाएगा. इस कॉल में पूरी जानकारी लेकर पीड़ित की शिकायत NCCRP (National Cyber Crime Reporting Portal) पर दर्ज कर दी जाएगी.

    पूरे राज्य को 5 जोन में बांटा गया

    इस नई पहल के तहत मध्य प्रदेश को पांच जोन में विभाजित किया गया है - भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन. इन शहरों में आउटबाउंड कॉल सेंटर स्थापित किए गए हैं जो आसपास के जिलों की साइबर ठगी की शिकायतों को हैंडल करेंगे. यह प्रणाली विकेंद्रीकृत तरीके से काम करती है, जिससे शिकायतें तेजी से निपटाई जा सकें. इस व्यवस्था के लागू होने के बाद पुलिस का दावा है कि अब 60% से अधिक पीड़ितों तक पहुंच संभव हो सकी है और यह आंकड़ा लगातार सुधर रहा है.

    पहले क्या थी समस्या?

    पहले 1930 पर कॉल करने वाले 70% लोग शिकायत दर्ज ही नहीं करवा पाते थे क्योंकि कॉल या तो ट्रांसफर नहीं होती थी या बीच में ही कट जाती थी. कॉलर को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता था, जिससे कई बार पीड़ित हार मान लेते थे. अब केवल एक बार कॉल करना ही काफी होगा, बाकी जिम्मेदारी पुलिस की होगी.

    क्यों जरूरी है यह पहल?

    साइबर फ्रॉड के मामलों में समय सबसे बड़ा हथियार है. जितनी जल्दी कार्रवाई होगी, ठगी गई राशि को रोकना उतना ही आसान होगा. एमपी साइबर पुलिस की यह पहल डिजिटल युग में आम लोगों के लिए सुरक्षा की एक नई परिभाषा लिख रही है.

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