बीते 24 घंटों में कोरोना से अब तक कितने लोगों की हुई मौत, नए मामलों में भी हुआ इजाफा

    COVID 19: देश में कोरोना एक बार फिर दस्तक दे रहा है और इस बार इसका चेहरा बदला हुआ है. नए वैरिएंट्स के चलते केस भले ही कम लगें, लेकिन खतरा कहीं ज़्यादा गहरा है. पिछले 24 घंटे में कोरोना से दो लोगों की मौत हो चुकी है.

    COVID 19 Cases Spreading two people died know total case
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    COVID 19: देश में कोरोना एक बार फिर दस्तक दे रहा है और इस बार इसका चेहरा बदला हुआ है. नए वैरिएंट्स के चलते केस भले ही कम लगें, लेकिन खतरा कहीं ज़्यादा गहरा है. पिछले 24 घंटे में कोरोना से दो लोगों की मौत हो चुकी है—एक 84 वर्षीय बुजुर्ग की बेंगलुरु में और दूसरी 21 साल के युवक की महाराष्ट्र के ठाणे में.

    कहां-कहां मिले नए केस?

    शनिवार को देशभर से 23 नए मामले सामने आए हैं. महाराष्ट्र (ठाणे): 8, राजस्थान व कर्नाटक: 5-5, उत्तराखंड और हरियाणा: 3-3, मध्यप्रदेश (इंदौर): 2, उत्तरप्रदेश (नोएडा): 1, इससे देश में एक्टिव केसों की संख्या 363 तक पहुंच गई है.

    क्या कहती है केंद्र सरकार?
    बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने एक हाई-लेवल समीक्षा बैठक की. इसमें ICMR, DGHS, DHR और NCDC के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. इन एजेंसियों का फोकस नए वैरिएंट्स पर है और उनकी ट्रांसमिशन क्षमता, गंभीरता और वैक्सीन के असर का आंकलन किया जा रहा है.

    कौन से वैरिएंट्स फैला रहे संक्रमण?

    INSACOG की रिपोर्ट के अनुसार भारत में NB.1.8.1 और LF.7 जैसे नए वैरिएंट्स सामने आए हैं. NB.1.8.1 में A435S, V445H, और T478I जैसे म्यूटेशन्स हैं जो इसे ज्यादा संक्रामक बनाते हैं. हालांकि WHO ने इन्हें “वैरिएंट अंडर मॉनिटरिंग” की कैटेगरी में रखा है, लेकिन इन पर सतर्क रहने की सलाह दी है.

    JN.1 वैरिएंट है सबसे आम

    देश में इस वक्त सबसे ज्यादा केस JN.1 वैरिएंट से जुड़े हुए हैं. यह ओमिक्रॉन के BA.2.86 का सब-स्ट्रेन है और सबसे तेजी से फैलने वाला स्ट्रेन बन चुका है. टेस्टिंग में आधे से ज्यादा सैंपल JN.1 पॉजिटिव पाए गए हैं. इसके बाद BA.2 (26%) और अन्य ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20%) के केस हैं.

    राज्यों की स्थिति क्या है?

    • गुजरात: 40 कुल केस, 33 एक्टिव
    • दिल्ली: 23 केस दर्ज
    • गाजियाबाद: 4 केस, 1 अस्पताल में भर्ती
    • हरियाणा: 48 घंटे में 5 नए केस (2 महिलाएं) चिंता की बात यह है कि इन मामलों में किसी की भी इंटरनेशनल ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है, यानी संक्रमण लोकल लेवल पर फैल रहा है.

    JN.1 के लक्षण और खतरे
    JN.1 के लक्षण हल्के होते हैं लेकिन लंबे समय तक बने रह सकते हैं. विशेषज्ञ इसे ‘लॉन्ग कोविड’ की चेतावनी मानते हैं, जिसमें मरीज ठीक होने के बाद भी थकान, सांस लेने में तकलीफ, खांसी जैसी दिक्कतें झेलते हैं.

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