बिहार में कोरोना संक्रमण की रफ्तार एक बार फिर चिंता का विषय बनती जा रही है. राजधानी पटना के एम्स अस्पताल में कोरोना ने दस्तक दी है, जहां एक महिला डॉक्टर और एक नर्स सहित कुल छह लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. सभी संक्रमितों को तत्काल कोविड वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है और उनका इलाज सीनियर डॉक्टरों की निगरानी में जारी है.
स्थानीय संक्रमण की आशंका, पहला केस 26 मई को मिला
राज्य में मौजूदा कोरोना लहर का पहला मामला 26 मई 2025 को पटना में सामने आया था, जब एक 31 वर्षीय युवक में संक्रमण की पुष्टि हुई. इसी दिन एक दूसरे व्यक्ति में भी हल्के लक्षणों के साथ कोविड पाया गया. चौंकाने वाली बात यह है कि इन दोनों का कोई यात्रा इतिहास नहीं है, जिससे स्थानीय प्रसार की आशंका गहरा गई है.
सरकार की तैयारी और चेतावनी
स्वास्थ्य विभाग ने बढ़ते मामलों को देखते हुए सतर्कता के निर्देश जारी कर दिए हैं. बिहार के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि नए वेरिएंट को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी बेहद ज़रूरी है. उन्होंने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि वे चिकित्सा आपूर्ति, टेस्टिंग किट और कोविड वार्ड की तैयारियों को प्राथमिकता दें.
लोगों के लिए अहम अपील
फिलहाल राज्य में संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन प्रशासन इसे गंभीरता से लेते हुए हर गतिविधि पर निगरानी रखे हुए है.
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