अमेरिका की नकल की मनाही, संयुक्त योजना और समन्वय केंद्र की बात... वॉर कॉलेज में बोले वायुसेना प्रमुख ए. पी. सिंह

    Air Chief Marshal A.P. Singh: भारत की सुरक्षा रणनीति एक निर्णायक मोड़ पर है, जहां भविष्य के युद्धों की बदलती प्रकृति, संयुक्त संचालन की ज़रूरत और नई तकनीकें हमारी पारंपरिक सैन्य सोच को चुनौती दे रही हैं.

    copying America joint planning and coordination center indian Air Force Chief said
    Image Source: ANI/ File

    Air Chief Marshal A.P. Singh: भारत की सुरक्षा रणनीति एक निर्णायक मोड़ पर है, जहां भविष्य के युद्धों की बदलती प्रकृति, संयुक्त संचालन की ज़रूरत और नई तकनीकें हमारी पारंपरिक सैन्य सोच को चुनौती दे रही हैं. ऐसे समय में, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह ने एक बेहद अहम संदेश दिया है कि थिएटर कमांड के मॉडल में जल्दबाज़ी न करें, भारत को अपना रास्ता खुद बनाना चाहिए.

    मध्य प्रदेश के महू स्थित आर्मी वॉर कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा कि थिएटर कमांड की अवधारणा को लागू करने में तेजी दिखाना खतरनाक हो सकता है. उन्होंने कहा, “इस वक्त पूरी व्यवस्था को पलटकर नया ढांचा खड़ा करना एक समझदारी भरा फैसला नहीं होगा. इसकी बजाय हमें दिल्ली में एक ऐसा संयुक्त केंद्र बनाना चाहिए जो रणनीति, योजना और समन्वय को एक मंच पर लाए.”

    अमेरिका की नकल नहीं

    वायुसेना प्रमुख ने उन देशों के मॉडल को आंख मूंदकर अपनाने की आलोचना की, जिन्होंने पहले से थिएटर कमांड्स बना रखी हैं. उन्होंने विशेष रूप से अमेरिका का नाम लेते हुए कहा, “हर देश की ज़रूरतें अलग होती हैं. हमें यह सोचकर नहीं चलना चाहिए कि अगर अमेरिका ने कर लिया है, तो हमें भी करना ही होगा. भारत को अपनी भौगोलिक, रणनीतिक और सैन्य ज़रूरतों के हिसाब से ढांचा तैयार करना होगा.”

    ‘संयुक्त योजना और समन्वय केंद्र’ की बात

    एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह ने थिएटर कमांड की जगह सबसे पहले दिल्ली में ‘ज्वाइंट प्लानिंग एंड कोऑर्डिनेशन सेंटर’ स्थापित करने की वकालत की. उनका तर्क है कि शीर्ष स्तर पर समन्वय और योजना बेहतर हो, तो बाकी ढांचे में बदलाव की ज़रूरत नहीं पड़ेगी. उन्होंने कहा,"अगर निर्देश ठीक से ऊपर से मिलें, तो निचले स्तर पर किसी अतिरिक्त ढांचे की जरूरत नहीं है. विकेंद्रीकृत कार्यान्वयन ही ज्यादा प्रभावी होता है."

    ऑपरेशन सिंदूर का संदर्भ, और सीख

    एयर चीफ की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब ऑपरेशन सिंदूर के सफल समन्वय को अभी कुछ महीने ही हुए हैं. उस ऑपरेशन में तीनों सेनाओं, थल, जल और वायु, के बीच गजब का तालमेल दिखा, जिसने सिद्ध कर दिया कि बिना किसी नई ढांचागत थ्योरी के भी संयुक्त संचालन संभव है.

    युद्ध बदल रहे हैं, रणनीति भी बदलनी होगी

    सिंह ने यह भी दोहराया कि भविष्य के युद्ध सिर्फ लड़ाई के मैदान तक सीमित नहीं होंगे. आज साइबर युद्ध, स्पेस डोमेन, डेटा-सेंटरिक ऑपरेशन्स और रिमोट टेक्नोलॉजी अहम हथियार बन चुके हैं. ऐसे में किसी भी बड़े फैसले से पहले सैद्धांतिक स्पष्टता और व्यवहारिक तैयारी बेहद जरूरी है.

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