Civil Defence System in UP: देश और पड़ोसी देशों के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की आंतरिक सुरक्षा को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार ने ‘सिविल डिफेंस’ (नागरिक सुरक्षा) प्रणाली को प्रदेश के सभी 75 जिलों में लागू करने का निर्णय लिया है. इससे पहले यह व्यवस्था सिर्फ 15 जिलों तक सीमित थी. सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है – आपातकालीन स्थितियों में आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और स्थानीय स्तर पर ऐसा तंत्र विकसित करना, जो संकट की घड़ी में तत्काल और प्रभावी कार्रवाई कर सके.
स्थानीय युवाओं को मिलेगा प्रशिक्षण और अवसर
नई व्यवस्था के तहत युवाओं को सिविल डिफेंस की भूमिका निभाने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें आपदा प्रबंधन, प्राथमिक चिकित्सा और राहत कार्य जैसे महत्वपूर्ण पहलू शामिल होंगे. यह न केवल सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार और सेवा के अवसर भी खोलेगा.
जन-जागरूकता अभियान की शुरुआत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक जिले में सिविल डिफेंस के लिए आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था की जाए, और साथ ही व्यापक स्तर पर जन-जागरूकता अभियान चलाया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस अभियान से जुड़ सकें.
आपदा में प्रभावी साबित हो रही प्रणाली
हाल ही में 7 मई को पूरे देश में नागरिक सुरक्षा को लेकर आयोजित ‘मॉकड्रिल’ के दौरान सिविल डिफेंस स्वयंसेवकों ने अपनी तत्परता और क्षमता का बेहतरीन प्रदर्शन किया. उन्होंने लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया, प्राथमिक उपचार दिया और संकट के समय संयम और दक्षता का परिचय दिया.
संकट के समय समाज की ढाल बनेगा 'सिविल डिफेंस'
सिविल डिफेंस न केवल प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, बाढ़ या तूफान में बल्कि युद्ध जैसी गंभीर परिस्थितियों में भी नागरिकों की रक्षा करता है. प्रशिक्षित स्वयंसेवक न सिर्फ राहत कार्यों में दक्ष होते हैं, बल्कि समाज को आपात स्थितियों के प्रति जागरूक और तैयार भी करते हैं. उत्तर प्रदेश सरकार का यह फैसला एक दूरदर्शी पहल के रूप में देखा जा रहा है, जो न केवल सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाएगा, बल्कि नागरिक सहभागिता को भी एक नई दिशा देगा.
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