UP News: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के लाखों आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए एक ऐतिहासिक और परिवर्तनकारी निर्णय लिया है. उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (यूपीकास) के गठन को मुख्यमंत्री ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. यह कदम न केवल श्रमिक हितों की रक्षा करेगा, बल्कि भर्ती प्रक्रिया को भी पारदर्शी और जवाबदेह बनाएगा.
हर महीने की 5 तारीख तक मिलेगा वेतन
सरकारी और अर्ध-सरकारी विभागों में वर्षों से कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों को अक्सर समय पर वेतन न मिल पाने की शिकायत रहती थी. अब नए निगम के गठन के बाद, यह सुनिश्चित किया गया है कि हर महीने की पांच तारीख तक सभी आउटसोर्स कर्मियों को वेतन (मानदेय) उनके बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर किया जाएगा.
न्यूनतम मानदेय 16 से 18 हजार रुपये तक
वर्तमान में कई आउटसोर्स कर्मियों को नाममात्र का वेतन मिलता है, जिससे उनका जीवनयापन कठिन हो जाता है. निगम के गठन के बाद, न्यूनतम मानदेय ₹16,000 से ₹18,000 प्रति माह करने का प्रस्ताव है. इस विषय में अंतिम निर्णय निगम की स्थापना के बाद लिया जाएगा, लेकिन यह स्पष्ट है कि अब श्रमिकों को उनका उचित हक मिलेगा.
भर्ती में आरक्षण का पालन अनिवार्य
सरकार ने यह भी तय किया है कि अब आउटसोर्सिंग के जरिए होने वाली भर्तियों में SC, ST, OBC, EWS, महिला, दिव्यांग व पूर्व सैनिकों को अनिवार्य रूप से आरक्षण का लाभ मिलेगा. इसके अलावा, परित्यक्ता, तलाकशुदा और निराश्रित महिलाओं को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे समाज के वंचित तबकों को रोजगार में प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके.
कंपनी एक्ट के तहत बनेगा निगम
उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम का गठन कंपनी एक्ट के तहत किया जाएगा. इसका संचालन मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाले निदेशक मंडल के जरिए होगा, और एक महानिदेशक की नियुक्ति भी की जाएगी. यह निगम न केवल नियुक्तियों और सेवाओं को रेगुलेट करेगा, बल्कि एजेंसियों की कार्यप्रणाली की निगरानी भी करेगा. किसी भी नियम उल्लंघन की स्थिति में ब्लैकलिस्टिंग, डिबार और अर्थदंड जैसी कठोर कार्रवाई की जाएगी.
वर्तमान कर्मचारियों की सेवाएं रहेंगी सुरक्षित
मुख्यमंत्री योगी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वर्तमान में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों की सेवाएं बाधित नहीं की जाएंगी. इसके साथ ही, नए चयन में उन्हें वरीयता दी जाएगी. चयन के बाद कोई भी कर्मचारी तब तक सेवा से मुक्त नहीं किया जाएगा, जब तक विभागीय अधिकारी की संस्तुति प्राप्त न हो.
ईपीएफ, ईएसआई और बैंक लाभ भी होंगे सुनिश्चित
आउटसोर्स कर्मियों को अब ईपीएफ (PF), ईएसआई (स्वास्थ्य बीमा) और अन्य बैंकिंग लाभ भी पूरी तरह से मिलेंगे. यह सभी लाभ निगम द्वारा अनिवार्य रूप से लागू किए जाएंगे, जिससे कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा भी प्राप्त हो सके.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी ने इस निर्णय की गंभीरता और प्रतिबद्धता को रेखांकित किया. यह निर्णय सिर्फ एक प्रशासनिक फैसला नहीं, बल्कि श्रमिकों के लिए सम्मान, सुरक्षा और स्थायित्व की दिशा में बड़ा कदम है.
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