UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लोक निर्माण विभाग (PWD) की 18 प्रमुख योजनाओं के क्रियान्वयन और आगामी रणनीति पर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. इस बैठक में विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, सभी 75 जिलों के जिलाधिकारी, विधानसभा क्षेत्र के जनप्रतिनिधि एवं संबंधित विभागों के अधिकारी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए. मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों की गति, गुणवत्ता और समावेशी दृष्टिकोण पर विशेष जोर देते हुए स्पष्ट निर्देश दिए.
सभी जिलों से 30 जून तक प्रस्ताव प्राप्त करें
मुख्यमंत्री योगी ने साफ निर्देश दिया कि लोक निर्माण विभाग की 18 योजनाओं के तहत प्रदेश के सभी 75 जिलों से 30 जून तक विकास प्रस्ताव अनिवार्य रूप से प्राप्त हो जाने चाहिए. उन्होंने जिलाधिकारियों को स्थानीय जनप्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित कर स्थानीय जरूरतों के अनुसार प्रभावी योजनाएं तैयार करने को कहा. मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि विकास कार्य राजनीतिक क्षेत्रफल के आधार पर नहीं, बल्कि वास्तविक जरूरतों पर केंद्रित होना चाहिए.
समावेशी विकास पर विशेष ध्यान
योगी आदित्यनाथ ने समावेशी विकास की दिशा में कदम बढ़ाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के 403 विधानसभा क्षेत्रों को कम से कम 2-3 योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ मिलना जरूरी है. उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों को विकास कार्यों का भूमि पूजन और शिलान्यास कराने के निर्देश दिए, ताकि जनभागीदारी और स्थानीय स्वामित्व की भावना मजबूत हो. इससे विकास कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी.
धार्मिक पर्यटन और सड़क कनेक्टिविटी को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने धार्मिक पर्यटन को प्रदेश की अर्थव्यवस्था से जोड़ने का भी रणनीतिक निर्देश दिया. उन्होंने टॉप-50 धार्मिक स्थलों का चयन ऐतिहासिक महत्व, श्रद्धालुओं की संख्या और पर्यटन संभावनाओं के आधार पर करने को कहा. इन स्थलों तक पहुंचने वाले मार्गों के निर्माण एवं मजबूती पर विशेष ध्यान देने को कहा, जिससे सांस्कृतिक और आर्थिक विकास दोनों को बढ़ावा मिलेगा.
सड़क कनेक्टिविटी पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने पूर्वांचल, आगरा, यमुना और बुंदेलखंड सहित गंगा एक्सप्रेसवे के माध्यम से पूर्व-पश्चिम कनेक्टिविटी बेहतर हुई बताई और कहा कि अब उत्तर-दक्षिण जिलों को जोड़ने वाले मार्गों का निर्माण भी प्राथमिकता हो.
सड़क सुरक्षा और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की तैयारी
योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की सड़क सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कहा कि कहीं भी गड्ढे नहीं होने चाहिए, डार्क स्पॉट चिन्हित कर स्पीड ब्रेकर लगवाए जाएं. उन्होंने ओवरस्पीडिंग और टूटी सड़कों को सड़क दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण बताया. साथ ही, बाढ़ और अतिवृष्टि से प्रभावित इलाकों में लघु सेतु और सड़क के क्षतिग्रस्त होने पर पूर्व-प्रस्ताव बनाने और बरसात खत्म होते ही तत्काल मरम्मत शुरू करने के निर्देश दिए.
साप्ताहिक प्रगति समीक्षा और भ्रष्टाचार पर सख्ती
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को प्रत्येक जिले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए, जो साप्ताहिक प्रगति की समीक्षा करे. उन्होंने मासिक एवं द्वैमासिक समीक्षा में जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति अनिवार्य करने पर जोर दिया. साथ ही, संदिग्ध ठेकेदारों की पहचान कर जांच के बाद कड़ी कार्रवाई करने को कहा. उन्होंने कहा कि पारदर्शिता, ईमानदारी और जनसहभागिता के बिना विकास टिकाऊ नहीं हो सकता.
लोक निर्माण विभाग की 18 प्रमुख योजनाएं
लोक निर्माण विभाग की इन योजनाओं में प्रमुख मार्गों, स्टेट हाईवे, धार्मिक मार्ग, औद्योगिक एवं लॉजिस्टिक्स पार्क के मार्गों का चौड़ीकरण, शहरों में बाईपास, रिंग रोड और फ्लाईओवर निर्माण, अंतरराज्यीय एवं अंतरराष्ट्रीय सीमा मार्गों का विकास, रेलवे ओवरब्रिज और सेतु निर्माण, कृषि विपणन मार्गों का सुदृढ़ीकरण, सड़क सुरक्षा पहल, ग्राम सड़क योजना, नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर का निर्माण आदि शामिल हैं.
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