बेंगलुरु: रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की जीत पर आयोजित जश्न एक दर्दनाक हादसे में बदल गया जब चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भीड़ के बेकाबू होने से भगदड़ मच गई. इस त्रासदी में 10 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हैं. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और पीड़ित परिवारों के लिए आर्थिक सहायता और जांच के आदेश जारी किए हैं.
सरकार की मुआवजा और जांच की घोषणा
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने घोषणा की कि मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा और घायलों को नि:शुल्क इलाज मुहैया कराया जाएगा. इसके साथ ही घटना की मजिस्ट्रेट स्तर की जांच के आदेश दिए गए हैं, जिसकी रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर मांगी गई है.
सीएम ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा, "मैं इस घटना का बचाव नहीं करूंगा. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. हमारी सरकार इस पर राजनीति नहीं करेगी, बल्कि जवाबदेही और सुधार सुनिश्चित करेगी."
जीत की खुशी गम में बदल गई- मुख्यमंत्री
सिद्धारमैया ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर अपने शोक संदेश में लिखा, "चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास आरसीबी की जीत के जश्न के दौरान हुए हादसे की खबर अत्यंत दुखद है. इस त्रासदी ने उत्सव को शोक में बदल दिया है. हम दिवंगत आत्माओं की शांति की प्रार्थना करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं."
भीड़ प्रबंधन पर उठे सवाल
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि संभावित सुरक्षा खतरे को देखते हुए टीम को विजय मार्च की अनुमति नहीं दी गई थी. उन्होंने जनता से अपील की, "जीवन किसी भी तरह के उत्सव या स्नेह प्रदर्शन से अधिक महत्वपूर्ण है. हमें सार्वजनिक आयोजनों में सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी."
सरकार की लापरवाही से गई जानें- विपक्ष
इस दर्दनाक घटना को लेकर विपक्ष ने कर्नाटक सरकार पर तीखा हमला बोला है. बीजेपी ने कहा, "यह भगदड़ सरकार की गैर-जिम्मेदाराना योजना और भीड़ नियंत्रण में नाकामी का नतीजा है. जब लोग जान गंवा रहे थे, तब राज्य के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री लाइमलाइट में बने रहने में व्यस्त थे."
जेडीएस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भी सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा, "एहतियात और तैयारी में चूक की वजह से यह हादसा हुआ. कांग्रेस सरकार को इसकी पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए."
प्रशासन पर भरोसे की परीक्षा
यह घटना न सिर्फ सरकारी तैयारियों पर सवाल खड़े करती है बल्कि भविष्य में इस तरह के सार्वजनिक आयोजनों में भीड़ प्रबंधन, इमरजेंसी रिस्पॉन्स और समन्वय जैसे बिंदुओं पर पुनर्विचार की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है.
राज्य सरकार द्वारा घोषित जांच से उम्मीद की जा रही है कि हादसे के वास्तविक कारण, प्रशासनिक चूक, और दोषियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके.
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