MP News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में बुधवार, 9 जुलाई को हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए, जो प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के विकास के लिए अहम साबित होंगे. इन फैसलों में जहां किसानों को राहत दी गई, वहीं आंगनबाड़ी, विद्युत वितरण कंपनियों, पर्यावरण और पर्यटन क्षेत्र में भी बड़े कदम उठाए गए. आइए जानते हैं इस कैबिनेट बैठक में लिए गए उन निर्णयों के बारे में, जो राज्य के भविष्य को प्रभावित करेंगे.
1. विद्युत वितरण कंपनियों में 50 हजार नए पदों पर भर्ती
मध्य प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों में अब बड़े पैमाने पर भर्ती की जाएगी. कैबिनेट द्वारा 49,263 नए नियमित पदों के साथ कुल 77,298 पदों की संगठनात्मक संरचना के सृजन की मंजूरी दी गई है. इस भर्ती प्रक्रिया से राज्य में बिजली वितरण व्यवस्था को और भी मजबूत किया जाएगा. मूल रूप से, इस निर्णय के तहत पुराने 17,620 अनुपयोगी पदों को समाप्त किया जाएगा, और डाइंग कैडर के 5,650 पदों को भी समाप्त किया जाएगा. वहीं, संविदा कर्मचारियों को नियमित पदों पर सीधी भर्ती के लिए नए पदों की गणना करते समय ध्यान में रखा जाएगा.
2. कैम्पा निधि के लिए 1478 करोड़ रुपए का स्वीकृत बजट
प्रतिवद्ध वन रोपण निधि (कैम्पा निधि) के तहत 1478 करोड़ 38 लाख रुपए के बजट को स्वीकृति दी गई. इस राशि का 80% वन और वन्यप्राणी प्रबंधन के लिए खर्च किया जाएगा, जबकि 20% राशि वन और वन्यजीव संबंधी अधोसंरचना के सुदृढीकरण पर व्यय की जाएगी. इस स्वीकृति के बाद, प्रदेश में बड़े पैमाने पर पर्यावरणीय सुधार कार्य किए जाएंगे. इसमें नदी पुनर्जीवन, मृदा और जल संरक्षण, ग्रामों के निकटवर्ती क्षेत्रों में वृक्षारोपण, और वन्यप्राणी संरक्षित क्षेत्रों के गांवों से स्वैच्छिक विस्थापन जैसी योजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी.
3. आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए 66 नए केंद्रों की स्वीकृति
कैबिनेट बैठक में आंगनबाड़ी और पोषण 2.0 योजना के तहत 66 नए आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना की स्वीकृति दी गई. इन केंद्रों के संचालन के लिए 66 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, 66 सहायिकाओं और 2 पर्यवेक्षकों के पदों की भी मंजूरी दी गई है. यह योजना धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत लागू की जाएगी, जो जनजातीय और पिछड़े इलाकों में आंगनबाड़ी सेवाओं को बेहतर बनाने का काम करेगा. इस योजना के लिए कुल 15 करोड़ 21 लाख रुपए का खर्च अनुमानित किया गया है, जिसमें केंद्र और राज्य दोनों का योगदान होगा.
4. लेक व्यू रेसीडेंसी होटल भोपाल का विकास
भोपाल में स्थित लेक व्यू रेसीडेंसी होटल के लिए भी एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया. कैबिनेट ने इसे जन-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत विकसित करने की मंजूरी दी. इस होटल के निर्माण, संचालन और रखरखाव के लिए मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम (MPSTDC) और मध्य प्रदेश होटल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (MPHCL) को निजी निवेशक के साथ लीज पर समझौता करने की अनुमति दी गई है. इस परियोजना से मध्य प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे.
5. कृषकों के लिए सिंचाई जलकर पर ब्याज माफी
कृषकों के हित में कैबिनेट ने एक बड़ा फैसला लिया है. राज्य सरकार ने सिंचाई जलकर की राशि से संबंधित ब्याज को माफ करने का निर्णय लिया है. इसके तहत, यदि कोई किसान 31 मार्च 2025 तक अपनी सिंचाई जलकर की मूल राशि का भुगतान करता है, तो उसे 84 करोड़ 17 लाख रुपए की ब्याज राशि माफ कर दी जाएगी. इस फैसले से मध्य प्रदेश के लाखों किसानों को राहत मिलेगी, क्योंकि कृषि जलकर का भुगतान करना उनके लिए एक बड़ा आर्थिक दबाव रहा है. अब, वे केवल मूल राशि का भुगतान करेंगे और उनके ऊपर बढ़ा हुआ ब्याज खत्म हो जाएगा.
6. ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द उपार्जन की स्वीकृति
भारत सरकार की प्राइस सपोर्ट स्कीम (PSS) के तहत, ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द के उपार्जन के लिए निःशुल्क शासकीय प्रत्याभूति देने की स्वीकृति दी गई है. इसके साथ ही, राज्य सरकार ने 2024-25 में ग्रीष्म मूंग और उड़द के पंजीकरण के लिए राज्य सहकारी विपणन संघ से उपार्जन करने का निर्णय लिया है. इस फैसले से किसानों को एक निश्चित मूल्य पर अपनी फसल बेचने का मौका मिलेगा और बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण होने वाली हानि से उन्हें बचाव मिलेगा.
7. सहायक संचालकों के पदों की स्वीकृति
कैबिनेट ने स्थानीय निधि संपरीक्षा के तहत 3 नए राजस्व संभागों - नर्मदापुरम, चंबल और शहडोल में क्षेत्रीय कार्यालय खोलने की स्वीकृति दी. इसके साथ ही, 4 नवगठित जिलों जैसे निवाड़ी, मैहर, मऊगंज और पाढ़ूर्ना में 7 सहायक संचालकों के पदों का निर्माण किया गया है. यह निर्णय पंचायतराज संस्थाओं के लेखों की संपरीक्षा को समय पर पूरा करने और सरकारी कार्यों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है.
8. विद्युत विकासकों के साथ पुराने अनुबंधों को समाप्त करना
कैबिनेट ने दीर्घकालीन ताप विद्युत क्रय अनुबंध को समाप्त करने का निर्णय लिया है, जो अब तक केवल वेरियेबल दर पर विद्युत खरीदने के लिए किए गए थे. इसके बाद, इन विद्युत विकासकों से प्री-इस्टीमेटेड लिक्विडेटेड डेमेजेज के रूप में 10 लाख रुपए प्रति मेगावाट की वसूली की जाएगी. यह कदम राज्य सरकार के वित्तीय नियंत्रण को बेहतर बनाने और बिजली खरीद की लागत को कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है.
9. भारतीय स्टांप विधेयक 2025 का अनुमोदन
कैबिनेट ने भारतीय स्टांप (मध्यप्रदेश संशोधन) विधेयक, 2025 को भी मंजूरी दी है. इस संशोधन के तहत, मूल्य सूचकांक में परिवर्तन के परिणामस्वरूप विभिन्न प्रकार के संव्यवहारों पर देय शुल्क में बदलाव किए जाएंगे. इसके जरिए राज्य सरकार को 212 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है.
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