नागपुर: महाराष्ट्र की सड़कों पर अब एक नई उम्मीद दौड़ रही है, और वह है 'पिंक ई-रिक्शा'. इस पहल की शुरुआत को और खास बनाने के लिए खुद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस गुलाबी ई-रिक्शा में सवार हुए. उनके साथ महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे और राज्य मंत्री मेघना साकोरे बोर्डिकर भी इस खास सफर में मौजूद रहीं. इस दृश्य ने न केवल कार्यक्रम में जान फूंकी, बल्कि यह भी दिखा दिया कि सरकार अब महिला सशक्तिकरण को केवल नारे तक सीमित नहीं रखना चाहती है. वह इसे जमीन पर उतरते हुए देखना चाहती है.
क्या है ‘पिंक ई-रिक्शा’ योजना?
नागपुर में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के तहत, राज्य सरकार की महिला एवं बाल विकास विभाग ने 50 महिलाओं को पिंक ई-रिक्शा सौंपे. इस महत्वाकांक्षी योजना का मकसद है कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें सुरक्षित व सशक्त आजीविका के साधन उपलब्ध कराना. नागपुर जिले में कुल 2000 पिंक ई-रिक्शा वितरित किए जाने हैं. 20 से 50 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं से अब तक 2040 आवेदन मिले हैं, जिनमें से 1032 महिलाओं को मंजूरी दी जा चुकी है.
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— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) April 20, 2025
A group photo of CM Devendra Fadnavis, Minister Aditi Tatkare, MoS Meghna Bordikar, MLA Ashish Deshmukh, MLA Sandeep Joshi and other dignitaries with beneficiaries at the ‘Pink e-Rickshaw Distribution Ceremony, Nagpur’.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मंत्री आदिती… pic.twitter.com/6E4R1P7N4u
मुख्यमंत्री ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि "राज्य सरकार महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है. यह योजना न केवल रोज़गार का साधन बनेगी, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा कदम है. " उन्होंने यह भी बताया कि पहले चरण में महाराष्ट्र के आठ जिलों में योजना लागू की जा रही है. इनमें नागपुर, पुणे, नासिक, अमरावती, सोलापुर, कोल्हापुर, संभाजीनगर और अहिल्यानगर शामिल हैं.
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रिक्शा के साथ क्या सुविधाएं मिलेंगी?
एक नई शुरुआत का प्रतीक बना ‘पिंक ई-रिक्शा’
कार्यक्रम में सीएम फडणवीस ने प्रतिनिधि रूप से 11 लाभार्थियों को ई-रिक्शा की चाबियां सौंपीं और फिर खुद उसी पिंक ई-रिक्शा में सफर कर इस पहल को ज़मीन से जोड़ने का संदेश दिया. यह पहल उन हजारों महिलाओं के लिए नई रफ्तार की तरह है, जो अब आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रही हैं. आने वाले समय में यह योजना सिर्फ नागपुर ही नहीं, बल्कि पूरे महाराष्ट्र की तस्वीर बदल सकती है.