देसी अंदाज़ में रियलिटी शो की दुनिया में कदम रखने वाला शो ‘छोरियां चली गांव’ अपने अनोखे कॉन्सेप्ट और मनोरंजन से भरपूर एपिसोड्स के चलते दर्शकों की पसंद बना रहा. इस शो में शहरी माहौल की ग्लैमरस टीवी अभिनेत्रियां गांव के परिवेश में खुद को ढालने की कोशिश करती नजर आईं. इन चुनौतियों से भरे अनुभवों के बीच आखिरकार शो को उसका पहला विजेता मिल गया है.
शो का ग्रैंड फिनाले हाल ही में बड़े धूमधाम के साथ आयोजित किया गया, जहां टीवी इंडस्ट्री की जानी-मानी अभिनेत्री अनीता हसनंदानी ने ‘छोरियां चली गांव’ सीजन 1 का खिताब अपने नाम किया. ट्रॉफी के लिए उन्हें सबसे कड़ी टक्कर कृष्णा श्रॉफ से मिली, जो अंत में फर्स्ट रनरअप बनीं.
गांव की गलियों से सीधा दिलों तक का सफर
अनीता हसनंदानी ने शो की शुरुआत से ही अपने व्यवहार, मेहनत और समर्पण से न सिर्फ गांव वालों का दिल जीता बल्कि दर्शकों के दिलों में भी खास जगह बनाई. दूध दुहना हो या गोबर उठाना, कुएं से पानी लाना हो या खेतों में काम करना, अनीता ने हर कार्य को पूरे समर्पण के साथ किया. अपने इस सादगीभरे रूप से उन्होंने यह साबित कर दिया कि पर्दे की चमक-दमक से परे भी उनमें एक मजबूत और ज़मीन से जुड़ी महिला छिपी है.
फिनाले की रात रही यादगार
ग्रैंड फिनाले में टॉप 5 कंटेस्टेंट्स ने शानदार परफॉर्मेंस दी, जिससे माहौल और भी खास हो गया. इस अवसर पर डॉली जावेद की बहन उर्फी जावेद और कृष्णा श्रॉफ के बॉयफ्रेंड अजीम की मौजूदगी ने भी दर्शकों का ध्यान खींचा. शो को रणविजय सिंह ने होस्ट किया, जिनकी एनर्जी और अंदाज़ ने फिनाले को और खास बना दिया.
जीत के बाद क्या बोलीं अनीता?
ट्रॉफी अपने नाम करने के बाद अनीता ने मंच से अपनी खुशी साझा करते हुए कहा,"जब मैंने इस शो का हिस्सा बनने का फैसला किया था, तब नहीं जानती थी कि यह सफर मुझे मेरे कम्फर्ट जोन से बाहर लाकर इतने कुछ सिखा जाएगा. यह अनुभव मेरे लिए सिर्फ एक शो नहीं, बल्कि एक जीवन का पाठ बन गया. पहले दिन से ही मेरे मन में था कि मुझे यह शो जीतना है और यही मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा रही. आज मेरे हाथ में ट्रॉफी है, लेकिन यह सिर्फ मेरी नहीं, मेरे परिवार की भी जीत है."
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